1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

वायरल वीडियो: मलाला के हाथ की सफाई

२९ सितम्बर २०१५

एक टीवी शो के दौरान मलाला ने ताश के पत्तों के साथ कर दिखाया कुछ ऐसा जादू कि दर्शक हैरान रह गए.

https://p.dw.com/p/1Gf64
तस्वीर: Getty Images/AFP/O. Andersen

लड़कियों की शिक्षा के लिए लड़ने वाली, नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मलाला यूसुफजई के हाथ की सफाई आप भी देखिए इस वीडियो में.

साल 2012 में तालिबान के हमले का शिकार हुई मलाला यूसुफजई दुनिया भर में अपनी हिम्मत के लिए जानी जाती हैं. हमले में गंभीर रूप से घायल मलाला को इलाज के लिए ब्रिटेन ले जाना पड़ा था. स्वात घाटी की मलाला का कसूर था कि वह तालिबान के फरमान के बावजूद लड़कियों की शिक्षा के अधिकार के लिए लड़ रही थी और स्कूल जा रही थी.

डिजिटल जादूगरी

एक हफ्ते बाद होश में आने के बाद मलाला ने कहा था, "खुदा का शुक्र है मैं जिंदा हूं." अपनी आत्मकथा में मलाला ने लिखा है कि उनके मन में कोई आक्रोश नहीं था जब वे उस आदमी के बारे में सोचती हैं जिसने उस पर गोलियां चलाईं, "मैं इंतकाम नहीं लेना चाहती." इस एक घटना ने मलाला को लाखों करोड़ों लड़कियों का हीरो बना दिया जिन्हें या तो पढ़ाई की सुविधा उपलब्ध नहीं है या जिन्हें पढ़ने नहीं दिया जा रहा क्योंकि वे लड़कियां हैं.

शीघ्र ही साफ हो गया कि तालिबान मलाला की आवाज चुप कराने में विफल रहा है. उन्होंने मलाला फंड बनाकर पाकिस्तान में लड़कियों को स्कूल जाने में मदद देनी शुरू की. उन्होंने कहा, "मैं चाहती हूं कि सबको पता हो, मैं अपने लिए कोई मदद नहीं चाहती. मैं सिर्फ यह चाहती हूं कि मेरे मकसद को समर्थन मिले, शांति और शिक्षा." जुलाई 2013 में मलाला ने संयुक्त राष्ट्र के युवा सम्मेलन को संबोधित किया. उन्हें पश्चिमी दुनिया में भारी समर्थन मिला और पुरस्कार दिए गए. नवंबर 2013 में ईयू का मानवाधिकार पुरस्कार शखारोव पुरस्कार दिया गया. वे नोबेल पुरस्कार पाने वाली सबसे युवा विजेता हैं.