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विंबलडन डबल्स में भारत पाक जोड़ीदार

२६ जून २०१०

भारतीय खिलाड़ी रोहन बोपन्ना और पाकिस्तान के ऐसाम उल हक कुरैशी की जोड़ी को उम्मीद है कि उनका खेल दोनों मुल्कों की दुश्मनी हमेशा के लिए खत्म कर देगा. विंबल्डन में इनकी जोड़ी पहला मैच जीतकर दूसरे दौर में पहुंच गई है.

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बोपन्ना का जोड़ीदार पाकिस्तानीतस्वीर: AP

बोपन्ना और कुरैशी की टीशर्ट पर लिखा संदेश उनका मकसद जाहिर कर देता है. दोनों खेल तो रहे हैं टेनिस लेकिन दो दुश्मन देशों के ये दोस्त अपने रहनुमाओं से कह रहे हैं 'स्टॉप वार स्टार्ट टेनिस' यानी 'जंग रोको टेनिस खेलो.' दोनों पहले भी साथ खेलते रहे हैं और विंबल्डन का पहला मुकाबला जीतने के बाद तो इनके हौसले और बुलंद हो गए हैं.

कुरैशी कहते हैं कि अगर वो साथ चल सकते हैं तो दूसरे लोग क्यों नहीं. कुरैशी का मानना है कि भारत पाकिस्तान में रह रहे कुछ लोगों की ज़िंदगी पर भी उनका खेल कुछ अच्छा असर डाल सका तो उनकी कोशिश सफल हो जाएगी.

Wimbledon Logo
दूसरे दौर में भारत-पाक जोड़ीदार

अंतरराष्ट्रीय टेनिस रैकिंग में कुरैशी 42वें नंबर पर हैं और बोपन्ना 51वें नंबर पर. दोनों एक दूसरे की तारीफ करते हैं और एक दूसरे की अहमियत से भी वाकिफ हैं. कुरैशी कोर्ट के अगले हिस्से में मजबूत खेलते हैं तो बोपन्ना लंबी सर्विस और बैककोर्ट गेम के माहिर जानकार हैं. एक उर्दू बोलता है तो दूसरा हिंदी और अंग्रेजी लेकिन भाषा इनके बीच दीवार नहीं.

बोपन्ना कहते हैं कि वो कुरैशी के साथ अपनी जो़ड़ी को राजनीतिक नजरिये से नहीं देखते. उनका कहना है 'हम बस इतना कहना चाहते हैं कि अलग अलग हिस्सों से आए लोग भी साथ चल सकते हैं.'

कुरैशी के दादा बंटवारे से पहले भारत की तरफ से टेनिस खेलते थे. पाकिस्तान बनने के बाद उनकी मां पाकिस्तान की तरफ से टेनिस खेलती रहीं. 2002 में विंबल्डन के तीसरे दौर में पहुंचे कुरैशी को अपने मुल्क में ही लोगों की आलोचना सहनी पड़ी. वजह थी इस्रायली खिलाड़ी के साथ उनकी जोड़ी. यूएस ओपन में भी उनकी जोड़ी दूसरे दौर तक पहुंची थी.

दोनों खिलाड़ी एक दूसरे के घरों में रहे हैं. साल के अंत में दोनों भारत-पाकिस्तान की सरहद पर वाघा में एक प्रदर्शनी लगाने की तैयारी में हैं. सद्भाव बढ़ाने के लिए लगाई जा रही इस प्रदर्शनी के लिए बोपन्ना और कुरैशी ने अपने-अपने देश की सरकारों से इजाज़त मांगी है.

रिपोर्टः एजेंसियां/एन रंजन

संपादनः महेश झा