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"विजयवर्गीय भारत छोड़ो"

४ नवम्बर २०१५

बढ़ती असहिष्णुता की बहस के बीच कांग्रेस पार्टी ने बीजेपी की संवैधानिक निष्ठा पर सवाल उठाया है तो शाहरुख को पाकिस्तान जाने की नसीहत देने वाले बीजेपी महासचिव विजयवर्गीय से सोशल मीडिया पर भारत छोड़ने को कहा जा रहा है.

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तस्वीर: Getty Images/AFP/N Nanu

लोकप्रिय सोशल नेटवर्किंग साइट पर "कैलाश विजयवर्गीय भारत छोड़ो" (#KailashVijayvargiyaLeaveIndia) ट्रेंड चल रहा है. इस हैशटैग पर 12 घंटे के भीतर 22000 से ज्यादा ट्वीट हुए हैं. ज्यादातर लोगों ने विजयवर्गीय को आड़े हाथों लिया है. बीजेपी के वरिष्ठ नेता असहिष्णुता के आरोपों का बचाव करने में लगे हैं तो विजयवर्गीय जैसे नेताओं की टिप्पणियों के बाद कई लोगों ने बीजेपी पर नफरत की राजनीति करने का आरोप भी लगाया है.

आलोचना के स्तर को देखते हुए मध्य प्रदेश के पूर्व मंत्री रहे विजयवर्गीय को अपना बयान वापस लेना पड़ा. बुधवार सुबह विजयवर्गीय ने अपनी सफाई एक ट्वीट कर दी.

बदजुबान नेताओं पर सख्त कार्रवाई के बजाए, उनके बयानों से खुद को दूर रखने वाली बीजेपी ने एक बार फिर यही किया है. पार्टी के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री वैंकैया नायडू ने कहा कि विजयवर्गीय ने जो कहा वह "बीजेपी का नजरिया नहीं है."

असल में कुछ ही दिन पहले शाहरुख खान ने भारत में बढ़ती असहिष्णुता पर चिंता जताई थी. ट्विटर पर पूछे गए एक सवाल के जबाव में बॉलीवुड सुपरस्टार ने कहा, "धार्मिक असहिष्णुता और धर्मनिरपेक्ष न होना, देशभक्त होने के नाते आप ये दो बुरे अपराध कर सकते हैं."

बीजेपी के नेता इन दिनों देश में बढ़ती धार्मिक असहिष्णुता की बात करने वाले हर शख्स को राजनीतिक बता रहे हैं. शाहरुख खान के बयान के बाद यही काम विजयवर्गीय ने भी किया. मध्य प्रदेश के नेता ने ट्वीट कर कहा, "शाहरुख खान रहते भारत में हैं पर उनका मन सदा पाकिस्तान में रहता है. उनकी फिल्मों यहां करोड़ों कमाती हैं पर उन्हें भारत असहिष्णु नजर आता है."

भारत में असहिष्णुता इस वक्त बहस के केंद्र में है. तर्कशास्त्री एमएम कालबुर्गी की हत्या के बाद बड़ी संख्या में साहित्यकार, इतिहासकार व दूसरी प्रमुख हस्तियां अपने अवॉर्ड वापस कर चुकी हैं. वाजपेयी सरकार ने विनिवेश मंत्री रह चुके पूर्व बीजेपी नेता अरुण शौरी का कहना है कि इस माहौल के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद जिम्मेदार हैं. एक टेलीविजन चैनल से बात करते हुए शौरी ने कहा कि नरेंद्र मोदी हर छोटी बड़ी बात पर ट्वीट करते हैं लेकिन दादरी जैसी घटनाओं पर चुप रहते हैं.

शौरी ने बीजेपी पर बिहार चुनाव जीतने के लिए भड़काऊ राजनीतिक का सहारा लेने का आरोप भी लगाया. उनके इस आरोप के दो दिन बाद ही इसका उदाहरण बिहार में आखिर चरण के चुनाव से ठीक पहले बीजेपी के विज्ञापन में दिखा.

असहिष्णुता की बहस के बीच कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी के नेतृत्व में पार्टी नेताओं ने बढ़ती असहनशीलता के खिलाफ राष्ट्रपति भवन तक एक मार्च निकाला और राष्ट्रपति को ज्ञापन दिया था. कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भड़काऊ बयान देने वाले पार्टी नेताओं के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है. उन्होंने कहा कि आरएसएस जिस राष्ट्रवाद की बात करता है उस राष्ट्रवाद को भारत नहीं मानता.

ओएसजे/एमजे (पीटीआई)