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विदेशी ब्रांड की पसंद पाकिस्तान

८ मार्च २०१३

पाकिस्तान में विदेशी खानों और फैशन से जुड़ी चीजों का बाजार फल फूल रहा है. कट्टरपंथ, क्षेत्रीय हिंसा और बेहद गरीबी में जी रही एक तिहाई आबादी के बीच यह आखिर कैसे और क्यों हो रहा है.

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तस्वीर: Bazarkhaber.ir

अमीर हो रहा पाकिस्तान का मध्यवर्ग अमेरिकी फास्ट फूड और फैशन कम्पनियों का प्रमुख ग्राहक वर्ग बनता जा रहा है. हालांकि रुपये की गिरती कीमत, बढ़ती गरीबी से जूझती एक तिहाई आबादी और क्षेत्रीय हिंसा के आंकड़ों में कोई कमी नहीं आई है. लेकिन साथ ही अच्छे जीवन को पसंद करने वाला एक ऐसा वर्ग भी पनप रहा है जो सुख सुविधा की महंगी से महंगी चीजें खरीदने में दिलचस्पी दिखा रहा है. पिछले पांच सालों में अर्थव्यवस्था स्थिर ही रही है. व्यापार और विदेशी निवेश में अमेरिका पर 11 सितम्बर के हमले के बाद से उछाल आया है, कई नई नौकरियां खुली हैं और निजी संस्थानों में वेतन बढ़े हैं. नतीजतन मध्यमवर्ग ने पिछले एक दशक में तरक्की की है.

कराची में हाल में खुले एक नए शॉपिंग मॉल में आपको अमेरिकी बर्गर से लेकर फ्रेंच मेकअप, कॉकटेल ड्रेस और कॉफी की उम्दा दुकानें भी मिलेंगी. यहां काम करने वाली युवतियां भी आपको जींस और टी-शर्ट में काम करती दिखती हैं. भले ही इस काम के लिए आते समय वे घर से पर्दे में निकलें ताकि रास्ते में वे किसी तरह की अभद्रता का शिकार न हों.

बेवर्ली हिल्स से फैटबर्गर की फ्रैंचाइजी कराची लाने वाले समीउल्लाह मोहब्बत कहते हैं, "यह वह समय है जब पाकिस्तानी भी ब्रांडेड होना चाहते हैं. दुनिया भर की कंपनियां पाकिस्तान आ रही हैं और यह चलन आगे और बढ़ने वाला है." मोहब्बत मानते हैं कि पाकिस्तानियों के लिए खाना मनोरंजन का सबसे बढ़िया साधन है. उन्होंने बताया, "जाहिर है यहां लोग हिंसक माहौल के बीच कहीं जाने आने में सुरक्षित महसूस नहीं करते. बहुत से बहुत वे बाहर खाना खाने चले जाते हैं."

दोपहर के खाने के समय मोहब्बत का 130 सीटों वाला रेस्तरां खचाखच भरा होता है. बर्गर खरीद कर खाना ऑफिसों में काम करने वालों के लिए आसान भी है और सस्ता भी. मोहब्बत की दुकान के नियमित ग्राहक अफजल पास ही काम करते हैं. उन्होंने बताया, "यह आम पाकिस्तानी के लिए बेशक महंगा है लेकिन मैं इसे खरीद सकता हूं. कराची की खूबसूरती यही है कि यहां हर किसी के लिए कुछ न कुछ है, जो लोग यहां नहीं खा सकते वे दूसरे सस्ते बाजार में जाकर कुछ खा सकते हैं."

Fast Food-Essen
तस्वीर: picture alliance/Lajos-Eric Balogh

विदेशी निवेशकों की दिलचस्पी

कराची के अलावा लाहौर और राजधानी इस्लामाबाद में भी एयर कंडीशंड कॉफीहाउस और फास्ट फूड की दुकानें मिलना आम बात हो गई है. मैंगो, एव्लिन, मदर केयर और डेबेनहैम्स जैसे दुनिया भर के मशहूर फैशन ब्रांड भी पाकिस्तान में जगह बना चुके हैं.

बात खाने की आती है तो मोहब्बत मानते हैं कि अमेरिकी खाना सबसे बढ़िया है. इस्लामाबाद और वॉशिंगटन के बीच राजनैतिक खींचतान से यहां के ग्राहकों का कोई लेना देना नहीं. वे अमेरिकी फिल्में, अमेरिकी खाना और पहनावे सभी कुछ चाव के साथ अपना रहे हैं.

पाकिस्तान में ग्राहक वर्ग की बदल रही रुचि देखते हुए यहां दुनिया भर की बड़ी कंपनियों के लिए बड़ी संभावनाएं हैं. आर्थिक मंत्रालय के अनुसार 2030 तक देश की 10 करोड़ आबादी 15 से 59 वर्ष की आयु के बीच होगी जबकि 30 फीसदी आबादी 30 साल से कम होगी.

कराची की एक निवेश कंपनी में बतौर रिसर्चर काम करने वाले खुर्रम शेजाद के अनुसार 2010 से अब तक उपभोक्ताओँ के खर्च में 26 फीसदी की बढ़ोत्तरी हुई है.

सुरक्षा को लेकर झिझक

डेबेनहैम्स की प्रवक्ता हेलेन लेसी ने बताया कि मार्केट में सुरक्षा संबंधी सर्वेक्षण कराने के बाद कंपनी ने पाकिस्तान में कदम रखा. वह कहती हैं कि पाकिस्तानी बाजार में अंतरराष्ट्रीय कंपनियां बढ़िया मुनाफा कमा रही हैं. विकासशील मध्यवर्ग के साथ मार्केट में आगे भी अच्छी संभावनाएं हैं.

हालांकि मोहब्बत मानते हैं कि आतंकवाद, खराब राजनैतिक हालात और बिजली के संकट के बीच विदेशी निवेशकों को पाकिस्तानी बाजार के लिए मनाना अभी भी आसान नहीं है. बहुत से देशों ने पाकिस्तान की यात्रा के खिलाफ एडवाइजरी जारी कर रखी है. मोहब्बत कहते हैं, "सबसे बड़ी चुनौती है लोगों को पाकिस्तान के बारे में भरोसा दिलाना." हम उन्हें सही तस्वीर दिखाते हैं जो यह नहीं दिखाता कि पाकिस्तान पूरी तरह से खतरनाक देश है.

एसएफ/एमजे (एएफपी)

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