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विवाद

विदेशी राजनयिकों का दूसरा कश्मीर दौरा

आमिर अंसारी
१३ फ़रवरी २०२०

विदेशी प्रतिनिधिमंडल में यूरोपीय संघ, लैटिन अमेरिका और खाड़ी देशों के 25 राजदूत और राजनयिक शामिल थे. इससे पहले जनवरी में 15 विदेशी राजनयिकों का दल जम्मू-कश्मीर के दौरे पर गया था.

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Jammu und Kashmir, Indien | Delegation von Diplomaten
तस्वीर: Getty Images/AFP

जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के छह महीने बाद विदेशी राजनयिकों ने वहां के हालात जाने. 25 देशों के मिशनों के प्रमुखों ने जम्मू-कश्मीर में दो दिन बिताए. खराब मौसम के कारण बुधवार को दल तय कार्यक्रम के मुताबिक बारामूला नहीं जा सका. हालांकि दल ने डल झील की सैर की. प्रतिनिधिमंडल में जर्मनी के राजदूत वाल्टर जे लिंडनर भी शामिल थे. दूसरे दिन प्रतिनिधिमंडल ने जम्मू पहुंचकर चिनार कॉर्प्स कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल केजेएस ढिल्लन से मुलाकात की. प्रतिनिधिमंडल ने जम्मू-कश्मीर हाई कोर्ट की चीफ जस्टिस गीता मित्तल से मुलाकात की. इसके बाद सभी ने उपराज्यपाल गिरीश चंद्र मुर्मू और प्रदेश के मुख्य सचिव बीवीआर सुब्रमण्यम से भी भेंट की.

Jammu und Kashmir, Indien | Delegation von Diplomaten
कश्मीर में विदेशी राजनयिकों का काफिलातस्वीर: Reuters/D. Ismail

इस प्रतिनिधिमंडल में जर्मनी, कनाडा, फ्रांस, न्यूजीलैंड, मेक्सिको, इटली, अफगानिस्तान, चेक गणराज्य,नीदरलैंड्स, रवांडा, ऑस्ट्रिया, पोलैंड, डॉमनिक रिपब्लिक, युगांडा, नामीबिया, बुल्गारिया, ताजिकिस्तान, उज्बेकिस्तान और डेनमार्क के प्रतिनिधि शामिल हैं. कश्मीर दौरे के दूसरे दिन अफगानिस्तान के राजदूत ताहिर कादरी ने ट्वीट किया, "25 विदेशी राजनयिकों का जम्मू-कश्मीर दौरा समाप्त हुआ. हमने स्थानीय लोगों, नागरिक समाज के सदस्यों, व्यापारियों, राजनीतिक प्रतिनिधियों, मीडियाकर्मियों और सैन्य अफसरों समेत स्थानीय सरकारी अफसरों से मुलाकात कर ताजा हालात और भविष्य की संभावनाओं के बारे में चर्चा की.” इस दौरे का मकसद राज्य के हालात और सुरक्षा स्थिति के बारे में विदेशी राजनयिकों को अवगत कराना था.

एक दिन पहले पीडीपी अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा मुफ्ती ने कादरी के एक ट्वीट पर सवाल करते हुए पूछा था कि "महामहिम, क्या आप हम कश्मीरियों को बताएंगे कि आप ट्वीट करने के लिए कौन सा वीपीएन इस्तेमाल कर रहे हैं. हम भी उसे डाउनलोड करें ताकि बिना किसी रोक-टोक ट्वीट कर सकें.” दरअसल कादिरी ने डल झील की एक तस्वीर ट्वीट की थी और उसकी खूबसूरती के बारे में लिखा था. साथ ही उन्होंने अपने ट्वीट में कश्मीर में पर्यटन और कारोबार के बारे में संभावनाओं का जिक्र किया था.

दूसरी ओर अमेरिकी सीनेट के चार सदस्यों ने अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पेयो को पत्र लिखकर कश्मीर में इंटरनेट पर प्रतिबंध को लेकर चिंता जाहिर की है. साथ ही खत में हिरासत में रखे गए कश्मीरी नेताओं का भी जिक्र किया गया है. पिछले हफ्ते जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती की हिरासत अवधि बढ़ाने के लिए उनके खिलाफ पब्लिक सेफ्टी एक्ट लगाया गया था. दो डेमोक्रैट्स और दो रिपब्लिकन सांसदों ने पोम्पेयो को भेजे खत में लिखा कि भारत सरकार ने कश्मीर में लगातार इंटरनेट बंद कर रखा है. उन्होंने कहा है कि इससे चिकित्सा, व्यापार और शिक्षा में लोगों को परेशानी आ रही है. खत में आम लोगों को एहतियातन हिरासत में रखने का मुद्दा भी उठाया गया है. गौरतलब है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप इसी महीने के आखिर में दो दिवसीय भारत दौरे पर आ रहे हैं.

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