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विद्या चरण शुक्ल नहीं रहे

११ जून २०१३

माओवदियों के हमले में घायल हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता विद्या चरण शुक्ल की मौत हो गई है. छत्तीसगढ़ में माओवादियों ने प्रदेश कांग्रेस को नेतृत्व शून्य कर दिया है.

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तस्वीर: NARINDER NANU/AFP/Getty Images

विद्याचरण शुक्ल को सुकमा जंगल में 25 मई के हमले के बाद जगदलपुर के अस्पताल ले जाया गया था. वहां उनका ऑपरेशन कर उनके शरीर से गोलियां निकाल दी गईं और फिर विमान से उन्हें गुड़गांव लाकर मेदांता अस्पताल में भर्ती किया गया. डॉक्टरों ने शुक्ला को बचाने की भरपूर कोशिश की लेकिन मंगलवार दोपहर वह चल बसे. डॉक्टरों के मुताबिक उनके कई अंगों ने काम करना बंद कर दिया था. गोलियों ने उनके शरीर को काफी नुकसान पहुंचाया था इसके अलावा उम्र ज्यादा होने के कारण भी उनका शरीर इस हमले को नहीं झेल सका. एक हफ्ते पहले उनकी स्थिति में मामूली सुधार हुआ था लेकिन उसके बाद स्थिति बिगड़ती चली गई.

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी ने शुक्ला की मौत पर गहरा दुख जताया और उन्हें श्रद्धांजलि दी है. शुक्ला के परिवार में उनकी पत्नी और तीन बेटियां हैं.

1929 में जन्मे विद्या चरण शुक्ला प्रमुख राजनीतिक घराने में पैदा हुए थे राजनीति में आने से पहले उन्होंने एक कंपनी बनाई थी जो खनन का कारोबार करने के अलावा बड़े सफारी और जंगली जीवों की फोटोग्राफी के अभियानों का आयोजन करती थी. विद्या चरण शुक्ला पहली बार 1957 में कांग्रेस पार्टी के टिकट पर सांसद बने. इसके बाद आठ बार और उनके समर्थकों ने उन्हें संसद में भेजा. उन्होंने केंद्र में कांग्रेस पार्टी की अलग अलग सरकारों में विदेश, गृह, रक्षा और वित्त जैसे अहम विभागों को संभाला. हालांकि उनके राजनीतिक करियर पर इंदिरा गांधी के शासन के दौरान लगे आपातकाल की छाया मंडराती रही. 1975 से 1977 के दौरान इंदिरा गांधी के प्रधानमंत्री रहते वह देश के सूचना मंत्री थे. इस दौरान उनकी भूमिका काफी विवादित रही.

आपातकाल के दौरान शुक्ला के मंत्रालय ने मीडिया को सेंसरशिप का शिकार बनाया. आपातकाल के दौरान हुई ज्यादतियों की जांच करने के लिए बनाई समिति ने अपनी रिपोर्ट में कई और बातों के साथ यह भी कहा था, "आपातकाल में बंशी लाल, वीसी शुक्ला और संजय गांधी जैसे कुछ लोगों ने मध्ययुग के तानाशाहों की तरह अपनी ताकत का इस्तेमाल किया." शुक्ला ने मशहूर गायक अभिनेता किशोर कुमार के ऑल इंडिया रेडियो और दूरदर्शन के लिए गाने पर पाबंदी लगा दी थी. ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि एक बार किशोर ने कांग्रेस की रैली में गाना गाने से इनकार कर दिया था. हालांकि शुक्ला ने शाह कमेटी के सामने आकर अपने फैसलों को स्वीकार किया था.

1980 के दशक में शुक्ला वीपी सिंह के साथ आ गए और उनकी सरकार में मंत्री बने. इसके बाद चंद्रशेखर के प्रधानमंत्री बनने पर वह उनके साथ चले गए और केंद्र सरकार में मंत्री बने रहे. फिर वो बहुत थोड़े दिन के लिए बीजेपी में रहने के बाद कांग्रेस में वापस आ गए और पीवी नरसिंहा राव की सरकार में संसदीय मामलों और जल संसाधन मंत्री का पद संभाला.

25 मई को माओवादी छापामारों ने नक्सल प्रभावित सुकमा जंगल के इलाके में कांग्रेस नेताओं के कारवां पर हमला बोला. माओवादियों की कार्रवाई में प्रदेश कांग्रेस प्रमुख नंद कुमार पटेल, उनके बेटे दिनेश और राज्य के पूर्व गृह मंत्री महेंद्र कर्मा की मौत हुई. कांग्रेस नेताओं समेत कुल 23 लोग इस हमले में मारे गए. मई 2010 में के बाद माओवादियों का यह सबसे बड़ा हमला था. उस वक्त माओवादियों ने 76 पुलिसवालों की हत्या कर दी थी.

एनआर/एएम (पीटीआई, एएफपी)