वियतनाम ने मेजबानी ठुकराई
१९ अप्रैल २०१४एशियन गेम्स की मेजबानी के फैसले का शुरूआत में वियतनाम के लोगों ने स्वागत किया था लेकिन बाद में विरोध के सुर उठने लगे. मीडिया और ब्लॉगों में बहस शुरू हो गई कि क्या खेलों पर करोड़ों डॉलर खर्च करना वाजिब है. वियतनाम अब भी 2008 की विश्वव्यापी आर्थिक मंदी के प्रभावों से जूझ रहा है.
वियतनाम के खेल मंत्रालय ने आयोजन के लिए 15 करोड़ डॉलर का बजट तय किया था. अर्थशास्त्रियों ने इसे काल्पनिक बजट करार दिया और कहा कि खर्चा इससे पांच गुना ज्यादा हो सकता है. इस साल दक्षिण कोरिया में एशियन गेम्स होने हैं और माना जा रहा है कि मेजबानी का खर्चा एक अरब डॉलर तक पहुंच रहा है.
बहस और उससे बने दबाव के बीच वियतनाम सरकार ने अब एशियन गेम्स की मेजबानी से नाम वापस ले लिया है. सरकार का कहना है कि उसके पास पर्याप्त पैसे नहीं हैं. यह भी डर है कि खर्च बढ़ने से देश में असंतोष न पैदा हो. ब्राजील में फुटबॉल विश्वकप के आयोजन से पहले कई शहरों में नियमित रूप से प्रदर्शन हुए हैं. सरकार को यह चिंता भी थी कि अगर तंगहाली की वजह से आयोजन के दौरान कुछ गड़बड़ हुई तो देश की प्रतिष्ठा की धक्का लगेगा.
वियतनाम के फैसले पर एशियाई ओलंपिक समिति (ओसीए) ने हैरानी जताई है. समिति को अब नया मेजबान खोजना होगा और वक्त बहुत कम बचा है. ओसीए के महासचिव रणधीर सिंह ने शुक्रवार को कहा, "इस मसले पर ओसीए में विस्तार से चर्चा करनी होगी. हमें यह तय करना होगा कि अब समयसीमा को ध्यान में रखते हुए कौन मेजबानी कर सकेगा."
ओएसजे/एमजे (एपी)