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वीजा फीस बढ़ाने वाला बिल पास

१३ अगस्त २०१०

भारतीय आपत्तियों को नजरअंदाज कर अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा आज उस सीमा सुरक्षा बिल पर हस्ताक्षर कर रहे हैं जिसे वीजा फीस बढ़ाए जाने के कारण भारतीय और अमेरिकी कंपनियों ने भेदभाव वाला बताया है.

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तस्वीर: AP

अमेरिकी संसद द्वारा पास इस बिल में इमरजेंसी खर्चों के लिए एच-1बी और एल-1 श्रेणी के वीजा की फीस बढ़ाई जा रही है. इस बिल से ऐसी कंपनियां प्रभावित होंगी जहां 50 से अधिक कर्मचारी काम करते हैं और जहां 50 फीसदी से अधिक कर्मचारी एच-1बी रोजगार वीजा पर हैं. अमेरिका में काम रही भारत की विप्रो, इंफोसिस, टाटा और सत्यम जैसी आईटी कंपनियां विदेशी कर्मचारियों से काम करवाती हैं.

इन कर्मचारियों के लिए वीजा की फीस भविष्य में 2000 डॉलर से अधिक बढ़ जाएगी. अमेरिकी प्रशासन को इसके जरिए अमेरिका-मेक्सिको सीमा की सुरक्षा के लिए 60 करोड़ डॉलर का राजस्व जुटाने की उम्मीद है.

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भारत का विरोधतस्वीर: UNI

सीनेट द्वारा अवकाश से वापस लौटने के तुरंत बाद गुरुवार को प्रतिनिधि सभा में पारित इस बिल को ध्वनिमत से पास किए जाने के बाद राष्ट्रपति ओबामा ने एक बयान में बिल के पास होने का स्वागत किया है. इस अधिवेशन में सिर्फ दो डेमोक्रैट सीनेटर बेन कार्डिन और चार्ल्स शूमर मौजूद थे. सीनेट नियमावली के अनुसार यदि सीनेट के सभी सदस्य बिल पर सहमत हों तो अधिवेशन में सिर्फ दो सीनेटरों का मौजूद होना जरूरी है.

राष्ट्रपति ओबामा ने कांग्रेस द्वारा बिल पास के बाद कहा, "इस कानून द्वारा उपलब्ध कराए जाने वाले राजस्व से हमारी दक्षिण पश्चिमी सीमा पर और पूरे देश में समुदायों की सुरक्षा के सफल प्रयासों में मदद मिलेगी."

रिपोर्ट: पीटीआई/महेश झा

संपादन: ओ सिंह

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