1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

वीडियो: जादू की झप्पी से भरोसे का टेस्ट

ऋतिका राय (यूट्यूब)१५ अक्टूबर २०१५

आंखों पर पट्टी बांध लेने से क्या आसपास की सच्चाई बदल सकती है? नहीं. लेकिन अगर आंखों पर पट्टी बंधी हो तो आप किसी दूसरे को नजरों से नहीं मन और मानवता से पहचानते हैं. मुंबई की सड़कों पर हुआ ऐसा ही एक सोशल एक्सपेरिमेंट.

https://p.dw.com/p/1GogN
Umarmung
तस्वीर: Fotolia/BlueSkyImages

कपड़ों के अंदाज और दाढ़ी से वह व्यक्ति मुसलमान लग रहा था. आंखों पर पट्टी बांध कर वह मुंबई की एक सड़क पर खड़ा था. पास में एक तख्ती रखी थी और वह बांहें फैलाए खड़ा था. वीडियो में देखें कि आखिर यह व्यक्ति चाहता क्या है. एक सामाजिक प्रयोग जो यह साबित करता है कि मानवता और प्रेम किसी भाषा या धर्म के मोहताज नहीं होते.

पूरी दुनिया में आए दिन हो रही भेदभाव और असहिष्णुता की घटनाएं पूरे समाज को अंधा बना सकती हैं. धर्म, भाषा, रहन सहन या नस्ल के आधार पर एक दूसरे से बैर ना करने का संदेश देता ये वीडियो मुंबई के कुछ युवाओं ने बनाया है. इन्हीं युवाओं में से एक पारंपरिक मुस्लिम वेशभूषा में सड़क के किनारे खड़ा लोगों से खुद को #jadookijhappi यानि प्यार से गले लगाने की गुजारिश कर रहा है.

7 अक्टूबर को यूट्यूब पर डाले गए इस वीडियो को दो महीने के अंदर करीब 9 लाख लोगों ने देखा और करीब डेढ़ हजार लोगों ने इस सोशल एक्सपेरिमेंट को सराहते हुए टिप्पणियां की हैं. इस तरह के प्रयोग दुनिया के उन कई देशों में हो चुके हैं जहां आतंकवादी वारदातों के बाद से मुसलमानों के प्रति अविश्वास की भावना बढ़ी थी.