व्हाइट हाउस की ओर हिलेरी
११ फ़रवरी २०१४वॉशिंगटन में अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि उन्हें पक्का विश्वास है कि क्लिंटन को अब रोका नहीं जा सकता. जब तक वह खुद इस बारे में गलत न हों. इन दिनों हिलेरी क्लिंटन देश भर में दौरा कर रही हैं, भाषण दे रही हैं और मीडिया भी क्लिंटन पर पूरा ध्यान दे रही है. न्यू ओरलींस में उन्होंने गर्मजोशी के साथ कार डीलरों को संबोधित किया, तो न्यूयॉर्क में उन्होंने जरूरतमंद लातीनी बच्चों से बात की.
कार डीलरों के सामने क्लिंटन ने यह बात कबूली कि 1996 से उन्होंने कार नहीं चलाई है. जब उन्होंने देखा कि डीलरों से जुड़ने की कोशिश में विफल हो रही हैं, तो बाद में उन्होंने इस बात की सफाई दी कि अमेरिका की पहली महिला बनने के बाद सुरक्षा कारणों से ऐसा किया. हालांकि अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव को अभी ढाई साल बचे हैं. लेकिन पत्रकारों के बीच क्लिंटन के चुनाव को लेकर कौतूहल का विषय बना हुआ है.
क्लिंटन के सिर सजेगा ताज?
समीक्षकों को लगता है कि सेंटर-लेफ्ट डेमोक्रैटिक उम्मीदवार शायद ही उनका मुकाबला कर पाएगा. टाइम पत्रिका ने भी अपने कवर पेज में लिखा, "क्या कोई हिलेरी को रोक सकता है?" न्यूयॉर्क टाइम्स ने माना है कि "2016 के संभावित उम्मीदवारों का आकर्षण क्लिंटन के पुराने किरदारों को उनकी ओर खींच रहा है." क्लिंटन दशकों से राजनीति में हैं. बिल क्लिंटन जब अमेरिका के राष्ट्रपति बने तो वह देश की प्रथम महिला बनीं. साल 2000 में वह न्यूयॉर्क से सीनेट के लिए चुनी गईं. 2008 में क्लिंटन ने डेमोकैट्रिक पार्टी के बराक ओबामा को राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के तौर पर चुनौती दी, लेकिन बाद में ओबामा के अधीन विदेश मंत्री बनीं.
66 साल की क्लिंटन राष्ट्रपति पद की दौड़ को लेकर सीधे सवालों का जवाब बहुत सोच समझकर देती हैं. वह 2008 की घटना को दोहराना नहीं चाहतीं. इसलिए इस बार ज्यादा सतर्क हैं. वह चाहती हैं कि समय से पहले उनका सितारा 2008 की तरह न डूब जाए. चुनाव को लेकर सीधे सवाल पूछे जाने पर क्लिंटन सधे हुए जवाब देती हैं. वे अपने इरादों को छिपाने के नए नए तरीके ढूंढ रही हैं. जब भी उनसे सीधा सवाल पूछा जाता है तो वे अपने जवाब में अमेरिका के लिए सही मूल्यों और नीतियों को बढ़ावा देने के बारे में बात करती हैं. उनके मुताबिक, "मैं जल्दबाजी में नहीं हूं."
क्लिंटन इस बात पर जोर देती है कि यह गंभीर फैसला है जिसे जल्द नहीं किया जाना है. क्लिंटन ने यह बातें सितंबर के महीने में की थीं. इसके बाद से पत्रकारों ने क्लिंटन से सीधा सवाल पूछना बंद कर दिया है. क्लिंटन का चुनावी तंत्र जोर शोर से काम में जुट गया है. रेडी फॉर हिलेरी: पेशेवर समिति का गठन जनवरी 2013 में हुआ, प्रायोरिटी यूएसए एक्शन: शक्तिशाली राजनीतिक उदारवादी समिति पहले ही चंदा इकट्ठा करने में जुट गई है. रिपब्लिकन के आरोपों के जवाब देने के लिए भी राजनीतिक कार्रवाई समिति बनाई गई है.
समझदार और सधे जवाब
क्लिंटन से जुड़ी खबरें आसानी से चल पड़ती हैं. इसे समझना आसान होता है और इसमें मानव हित से जुड़े तत्वों के कारण असीमित अटकलों की संभावनाएं रहती हैं. क्लिंटन का नया हेयर स्टाइल भी खबरों में जगह बना लेता है. 2008 में राजनीतिक पंडितों को लगा था कि क्लिंटन को शायद ही कोई मात दे पाएगा, लेकिन अचानक अनजाने ओबामा ने क्लिंटन से सारी सुर्खियां छीन ली. 2016 के राष्ट्रपति चुनाव को लेकर क्लिंटन ही मात्र मीडिया में चर्चा में बनी हुई हैं. कुछ लोगों का मानना है कि क्लिंटन की उम्र बाधा बन सकती है. 2016 चुनाव के वक्त वे 69 साल की होंगी. लेकिन रिपब्लिकन के लिए यह कोई बहस का मुद्दा नहीं हो सकता क्योंकि जब रोनाल्ड रीगन व्हाइट पहुंचे थे तो वह उतनी ही उम्र के थे.
एए/एजेए (डीपीए)