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नशे में डूबा चैंपियन तैराक

३१ जनवरी २०१४

किसी जमाने में अंतरराष्ट्रीय तैराकी में तहलका मचा देने वाले ऑस्ट्रेलियाई तैराक इयन थोर्प शराब की आगोश में समा गए हैं. पांच ओलंपिक स्वर्ण जीतने वाले थोर्प का सिडनी के अस्पताल में इलाज चल रहा है.

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Australien Schwimmen Ian Thorpe
तस्वीर: dapd

ऑस्ट्रेलियाई अखबार में छपी रिपोर्ट के अनुसार थोर्प का जीवन पिछले कुछ सालों से दिक्कतों से भरा रहा. 2012 में लंदन ओलंपिक न पहुंच पाने और फिर तैराकी से दूर हो जाने के बाद थोर्प के लिए हालात के साथ समझौता करना मुश्किल हो गया. उनके साथी रहे स्टार खिलाड़ी कीरन पेरकिंस ने थोर्प और उनके जैसे और खिलाड़ियों की रिटायरमेंट के बाद मदद की अपील की.

द सिडनी डेली टेलीग्राफ के पहले ही पन्ने पर 31 साल के थोर्प के बारे में रिपोर्ट छपी है. इसमें कहा गया है कि पिछले हफ्ते बीमार पड़ने के बाद उनके परिवार ने मेडिकल मदद ली और बुधवार से उनका अवसाद का इलाज शुरू हुआ. साथ ही शराब की लत का भी इलाज हो रहा है. बाद में अखबार की वेबसाइट पर शुक्रवार को कहा गया कि उन्हें अस्पताल से छुट्टी मिल गई है और उनकी मां उनका ख्याल रख रही हैं.

प्रसारक एलेन जोंस थोर्प के करीबी लोगों में से रहे हैं, उन्होंने हाल ही में थोर्प से बात भी की. जोंस ने अखबार को बताया, "जी हां, मामला संजीदा है. लेकिन फिलहाल मैं इससे ज्यादा कुछ नहीं कह सकता." थोर्प की लैंगिकता को लेकर भी कयास लगाए जाते रहे हैं. जोंस ने कहा, "इयान एक अच्छे इंसान हैं लेकिन उन्हें अपनी परेशानियों का सामना करने में दिक्कत हो रही है."

थोर्प की आत्मकथा

लंदन ओलंपिक में हिस्सा लेने के लिए थोर्प ने 2011 में रिटायरमेंट से वापसी की. इसके बाद उन्होंने 2012 में आत्मकथा लिखी, जिसमें उन्होंने अवसाद और शराब की लत की बात कही. उन्होंने लिखा, "मेरा परिवार भी नहीं जानता कि मैंने अपने जीवन का बड़ा हिस्सा थका देने वाले अवसाद में गुजारा है. यह छिपने के लिए बहुत अंधेरी जगह है." थोर्प की आत्मकथा के मुताबिक, "यह तो होना ही था कि मैं अपनी भावनाओं से निपटने के लिए कोई दूसरा रास्ता निकाल लूं, और मैंने शराब को पाया."

थोर्प ऑस्ट्रेलिया के सबसे लोकप्रिय खिलाड़ियों में हैं. 2000 के सिडनी ओलंपिक और 2004 एथेंस ओलंपिक के दौरान उन्होंने 5 स्वर्ण पदक जीते. उनकी जीत में कई बार उनके लंबे हाथ पैरों को भी श्रेय दिया गया. 2001 में एक ही विश्व चैंपियनशिप में छह स्वर्ण पद जीतने वाले वह पहले खिलाड़ी बने. उन्होंने 11 विश्व चैंपियनशिप और 10 स्वर्ण पदक कॉमनवेल्थ खेलों में हासिल किए. लेकिन उन्होंने 2006 में रिटायरमेंट ले लिया. इसके बाद उन्होंने ज्वेलरी डिजाइन और टेलीविजन में भी हाथ आजमाया. 2011 में रिटायरमेंट से लौटने का फैसला भी नाकाम रहा जब वह लंदन ओलंपिक के लिए क्वालिफाई नहीं कर पाए.

कोई नई बात नहीं

परकिंस ने कहा उन्हें थोर्प के संघर्ष के बारे में सुन कर हैरानी नहीं हुई, "मैं बिल्कुल भी हैरान नहीं हुआ, मेरे ख्याल में जितना हम जानते हैं इस तरह की घटनाएं उससे कहीं ज्यादा होती हैं. बात सिर्फ इतनी है कि इयान मशहूर हैं तो उन्हें तवज्जो मिल रही है." उन्होंने कहा, "इयान का इस स्थिति में होना बेहद दुख की बात है, लेकिन मैं खुश हूं कि उसे जिस तरह की मदद की जरूरत है वह उसे मिल रही है."

परकिंस इस समय बैंकिंग का काम कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि तैराकी के करियर के बाद उन्हें भी जीवन में संघर्ष करना पड़ा था. उन्होंने अपील की कि खिलाड़ियों के रिटायर होने पर उनकी बेहतर मदद की व्यवस्था होनी चाहिए. उन्होंने कहा, "मेरे ख्याल में खिलाड़ियों की बेहतर मदद के लिए बदलाव आना चाहिए. यह समझना होगा कि प्रतिष्ठित प्रतियोगिता वाले खेल से रिटायरमेंट के बाद इससे निपटना हमारे लिए बहुत मुश्किल होता है." उन्होंने कहा ऐसे सैकड़ों नहीं हजारों एथलीट हैं जिन्हें मदद की जरूरत है.

एसएफ/एजेए (एएफपी)

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