1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

शशि थरूर का पद के दुरुपयोग से इंकार

१६ अप्रैल २०१०

आईपीएल कोच्चि और उसमें एक मित्र की हिस्सेदारी को लेकर विवादों में फंसे भारतीय विदेश राज्य मंत्री शशि थरूर की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं. संसद में आज उनके बयान पर हंगामा हुआ, विपक्ष ने उन्हें अपना भाषण नहीं करने दिया.

https://p.dw.com/p/MyfS
तस्वीर: AP

इतना ही नहीं, विपक्ष ने उनके इस्तीफ़े की मांग की तो उनके मंत्रिमंडलीय सहयोगी फारूख़ अब्दुल्ला ने कहा कि सरकार के सम्मान को बचाने के लिए थरूर को इस्तीफ़ा दे देना चाहिए. कांग्रेस पार्टी के सूत्रों का भी कहना है कि अपनी महिला मित्र सुनंदा पुष्कर को 70 करोड़ की हिस्सेदारी दिलवाने में पद के दुरुपयोग का आरोप झेल रहे शशि थरूर का भविष्य अधर में लटका है. मनमोहन सिंह की सरकार में उनकी स्थिति को सुरक्षित नहीं माना जा सकता.

संसद के बजट अधिवेशन के दूसरे हिस्से के पहले दिन सामान्य कार्रवाई के बाद आज शशि थरूर जब अपना पक्ष बयान करने के लिए खड़े हुए तो विपक्ष ने उनके सर की मांग करते हुए हंगामा कर दिया. तिरुवनंतपुरम से पहली बार लोक सभा के लिए जीते शशि थरूर एक लिखित बयान के ज़रिए मामले पर अपना स्पष्टीकरण देना चाहते थे लेकिन विपक्ष उन्हें सुनने को तैयार नहीं था. उन्हें अपना बयान सदन के पटल पररखना पड़ा.

अपने बयान में थरूर ने विपक्ष के आरोप का खंडन किया कि उन्होंने कोच्चि फ़्रेंचाइजी की सफल बोली में पद का दुरुपयोग किया है या उन्हें या उनकी मित्र सुनंदा पुष्कर को कोई वित्तीय लाभ मिला है. थरूर ने कहा कि उनका व्यवहार संसद के सदस्य और मंत्रिमंडल के सदस्यों के उचित व्यवहार की सीमा में रहा है. उन्होंने कहा कि उन्हें कोई लाभ नहीं मिला है, न ही इससे वित्तीय लाभ उठाना चाहता हूं, न अभी और न बाद में.

शशि थरूर ने अपने बयान में कहा कि क्रिकेट फ़ैन और केरल से सांसद होने के नाते उन्होंने रॉंनदेवू कंसोर्टियम को मार्गदर्शन दिया है. उन्होंने कहा कि वे रॉनदेवू की उपलब्धि को केरल क्रिकेट के लिए बड़ी सफलता मानते हैं.

आरोपों के सामने आने के बाद शशि थरूर ने पिछले दिनों पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी और अन्य वरिष्ठ नेताओं से बातचीत की है, लेकिन न तो मीडिया की दिलचस्पी में कोई कमी आई है और न हीं विपक्ष के आक्रामक रवैये में. प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह इस समय विदेश दौरे पर हैं और उन्होंने शशि थरूर को हटाए जाने की मांगों पर कहा है कि वे तथ्यों को देखने के बाद ही कोई फ़ैसला लेंगे. 2007 तक संयुक्त राष्ट्र में वरिष्ठ पद पर रहे शशि थरूर ने अब तक विपक्ष की मांगों के सामने झुकने से मना कर दिया है.

रिपोर्ट: एजेंसियां/महेश झा

संपादन: राम यादव