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शीर्ष पर फुटबॉल का संत

९ जुलाई २०१४

ब्राजील के रोनाल्डो के हाथ में कमेंट्री का माइक था और जबान पर गहरी खामोशी. फुटबॉल स्टारों की अकड़ और धमक से दूर सादगी, विनम्रता, ईमानदारी से भरे जर्मनी के मिरोस्लाव क्लोजे रिकॉर्ड और उम्मीदों को ध्वस्त करते जा रहे थे.

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तस्वीर: Reuters

सेमीफाइनल में भी ब्राजील के खिलाफ 23वें मिनट में क्लोजे ने जैसे ही जर्मनी के लिए दूसरा गोल किया, वैसे ही ब्राजील की हार दिखने लगी. साथ ही उसके हाथ से कीर्तिमान भी फिसलने लगे. ब्राजील के प्यारे पूर्व स्ट्राइकर रोनाल्डो का रिकॉर्ड तोड़ क्लोजे ने वर्ल्ड कप में सबसे ज्यादा गोल दाग दिए. 2002 से वर्ल्ड कप खेलते आ रहे क्लोजे 16 गोल कर चुके हैं.

उन्हें फुटबॉल जगत के सबसे अचूक स्ट्राइकरों में गिना जाता है. जर्मनी को 2002 के फाइनल और 2006 और 2010 के सेमीफाइनल तक ले जाने में क्लोजे के बूटों ने बड़ी भूमिका निभाई. इस बार भी ग्रुप स्टेज में घाना के खिलाफ क्लोजे के गोल की मदद से जर्मनी हार से बचा. शुरुआती मैचों में बेंच पर बैठने वाले क्लोजे को कोच योआखिम लोएव निर्णायक हथियार की तरह इस्तेमाल कर रहे हैं. जहां मुश्किल होती है, वहां क्लोजे सबसे आगे रहते हैं.

बेदाग सितारा

इतनी अहमियत और कामयाबी के बावजूद फुटबॉल जगत में क्लोजे की पहचान अच्छे और साफ सुथरे खेल के साथ ईमानदारी और विनम्रता के लिए होती है. प्रतिष्ठा के मुकाबलों में डियेगो मैराडोना जैसे महान खिलाड़ी भी बेईमानी कर बैठते हैं, फैन्स को भी लगता है कि इतना तो चलता है, लेकिन तभी 36 साल के क्लोजे का भी जिक्र होता है और क्लास और खेल भावना का जिक्र होने लगता है.

WM 2014 Gruppe G 2. Spieltag Deutschland Ghana
ऐसे गोल की खुशी मनाते हैं क्लोजेतस्वीर: picture-alliance/AP

क्लोजे की बदौलत फुटबॉल ने कुछ जबरदस्त लम्हे देखे हैं. एक बार तो क्लोजे विपक्षी टीम के डी में गिर पड़े. रेफरी ने पेनाल्टी दी लेकिन क्लोजे ने इनकार कर दिया. उन्होंने कहा कि फाउल नहीं हुआ है. एक और मौके पर रेफरी ने गोल की सीटी बजा दी और टीम ने क्लोजे को लगे लगा लिया लेकिन तभी उन्होंने कहा कि ये गोल नहीं है. गेंद पर उनका हाथ लगा. आम तौर पर ऐसे में पीला कार्ड दिखाया जाता है, लेकिन क्लोजे की ईमानदारी से रेफरी ऐसे चकित हुए कि उन्होंने इस स्ट्राकर का आभार जताया.

रिकॉर्ड का मतलब क्या

ब्राजील के रोनाल्डो के 15 वर्ल्ड कप गोलों के रिकॉर्ड को तोड़ने के बाद भी क्लोजे का शर्मीलापन बरकरार रहा. मैच के बाद उन्होंने कहा, "मुझे वाकई में नहीं पता कि इस रिकॉर्ड का मतलब क्या है. मैं एक स्ट्राइकर हूं और गोल करना मेरी जिम्मेदारी है. जाहिर है ऐसे में मेरी कोशिश रहती है कि मैं जब तक हो सके, शीर्ष पर रहूं." क्लोजे के नाम अंतरराष्ट्रीय मैचों में 71 गोल हैं. वो जर्मनी के टॉप स्कोरर भी हैं.

कैजरलाउटर्न, वेर्डर ब्रेमन और बायर्न म्यूनिख के लिए खेल चुके क्लोजे फिलहाल इतालवी क्लब लाजियो के लिए खेलते हैं. वहां भी उनकी पहचान जबरदस्त स्ट्राइक और मधुर व्यक्तित्व के लिए होती है.

क्लोजे मूल रूप से पोलैंड के हैं. 1986 में उनका परिवार जर्मनी आ गया. तब मिरोस्लाव सिर्फ आठ साल के थे. शीत युद्ध में फंसे क्लोजे के परिवार ने पोलैंड में कठिन समय देखा. उनके पिता फ्रांसीसी क्लब के लिए खेला करते थे और मां भी पोलैंड की राष्ट्रीय हैंडबॉल टीम की खिलाड़ी थीं. क्लोजे जब जर्मनी आए तो उन्हें जर्मन भाषा के सिर्फ दो शब्द आते थे, डंके-बिटे (धन्यवाद और कृपया).

लेकिन अब क्लोजे पर उम्र हावी होती दिख रही है. उनकी रफ्तार कुछ धीमी पड़ रही है. गोल के बाद क्लोजे का कॉपीराइट सेलिब्रेशन भी गड़बड़ा रहा है. आम तौर पर वो हवा में पलटी खाते हैं, लेकिन रोनाल्डो का रिकॉर्ड तोड़ने के बाद उन्होंने ऐसा नहीं किया, पिछली बार ऐसा करते हुए गिर पड़े. जर्मनी और क्लोजे दोनों जानते हैं कि ये उनका आखिरी वर्ल्ड कप है. टीम फाइनल में है और अचूक क्लोजे की आखिरी किक अभी बाकी है.

ओएसजे/एजेए (रॉयटर्स)