संगीत और धुन के 50 बरस
८ फ़रवरी २०१४जोएल ने जब 1989 में 'वी डिंट स्टार्ट द फायर' गाना तैयार किया, तो उसमें बीटलमेनिया का जिक्र है. ब्रिटिश रॉक ग्रुप, जिसने पहली बार 9 फरवरी, 1964 को अमेरिकी टेलीविजन पर लाइव शो किया. यह कामयाबी की ऐसी कहानी है जिसके समानांतर कोई कहानी नहीं लिखी जा सकती, जिसका कोई मुकाबला नहीं कर सकता. बीटल्स के गानों ने लोगों को नई दुनिया दी. कहते हैं कि जब अटलांटिक के उस पार एल्विस प्रेसली का जादू था तो इस पार बीटल्स थे.
लिवरपूल के चार जवानों ने अपना करियर चार साल पहले 1960 में जर्मन शहर हैम्बर्ग में शुरू कर दिया था और अमेरिका में भी पहचाने जाने लगे थे. उनके गाने वहां भी लोग पसंद करने लगे थे. लेकिन लाइव शो कुछ ऐसा मशहूर हुआ कि एमसीए रेडियो ब्रॉडकास्टर ने सात फरवरी, 1964 को सूचना दी, "शाम के साढ़े छह बजे हैं- बीटल्स टाइम." दो दिन पहले जब वे न्यूयॉर्क पहुंचे, तो सैकड़ों लकड़ियां वहां विमान उतरने का इंतजार कर रही थीं. बाद में करियर के साथ साथ इंतजार करने वाली लड़कियों की संख्या भी बढ़ती गई.
सही वक्त, सही जगह
जैसे ही चारों ब्रिटिश जवान विमान से उतरे, उन्हें समझ आ गया कि उनके पहुंचने से पहले ही उनकी चर्चा शुरू हो चुकी है. संगीत इतिहासकार चार्ल्स रोसने का कहना है, "बिलकुल सही वक्त था, बिलकुल सही. हम लोग जॉन केनेडी की हत्या से निराश थे. संगीत में नई शुरुआत की जरूरत थी. फैब फोर बिलकुल सही वक्त पर आए." उनका कहना है कि बैंड ने सही चीजों को शामिल किया, "इसका नतीजा हतप्रभ कर देने वाला था."
बीटल्स के ऐतिहासिक कंसर्ट में संगीतकार वाल्टर एगान भी शामिल हुए, जो उस वक्त 15 साल के थे, "एल्विस और दूसरे लोग भी महान थे. मैं अभी भी रॉक एन रोल पसंद करता हूं. लेकिन 1964 अलग था. हम कुछ नए की लालच में थे." उनका कहना है, "लोग बिलकुल जुनूनी थे. लड़के भी. लड़कियां तो पूरा दम लगा कर चिल्लाती थीं. मुझे तो संगीत ही समझ नहीं आता था."
कम हुए अपराध
हालांकि जॉर्ज हैरिसन को बुखार था लेकिन ये चारों नौ फरवरी को एड सलिवन के टीवी शो में भी गए. इसे सात करोड़ से ज्यादा लोगों ने देखा. कहा जाता है कि इस शाम कम अपराध हुए क्योंकि बदमाश भी टीवी देख रहे थे. कुछ हफ्ते बाद बीटल्स अमेरिकी चार्ट में पहले नंबर पर पहुंच गए और दूसरे नंबर पर भी. और तीसरे पर भी, चौथे और पांचवें पर भी. कोई भी दूसरा ग्रुप उनसे आगे नहीं निकल पाया.
संगीत इतिहासकार रोसने का कहना है, "इन चारों की शख्सियत कमाल की थी." रोसने की उम्र उस वक्त मात्र पांच साल थी. इसके बाद ब्रिटिश संगीतकारों का अमेरिका ने कभी ऐसा स्वागत नहीं किया. रोलिंग स्टोन्स और द हू जैसे बैंड जरूर आए लेकिन लोकप्रियता में वहां तक नहीं पहुंच पाए. रोसने तो यहां तक कह जाते हैं कि वह ऐसे लोगों को जानते हैं, जिन्होंने अंग्रेजी ही बीटल्स की वजह से सीखी, "हर कोई बीटल्स गुनगुनाते हुए ज्यादा खुश नजर आता था."
एजेए/एमजी (डीपीए)