संस्कृति से सराबोर रीगा
इस साल लातविया के रीगा शहर को यूरोप की सांस्कृतिक राजधानी के रूप में चुना गया है. चाहे शॉपिंग का मजा लेना हो, या इतिहास को समझना हो, यह शहर आपको सारी संभावनाएं देता है.
आजादी का प्रतीक
रीगा आने वालों का ध्यान सबसे पहले खींचती है ओल्ड टाउन में लगी यह कांसे की मूर्ति. लातविया दुनिया का ऐसा देश है जिसे अपने इतिहास में पूर्व और पश्चिमी यूरोप के हमलों का सामना करना पड़ा. इस देश पर नाजी शासन भी रहा और सोवियत संघ का भी. यह मूर्ति देश की आजादी का प्रतीक है.
इतिहास की झलक
रीगा यूरोप के सबसे पुराने शहरों में गिना जाता है. 1999 में इसकी 800वीं जयंती मनाई गयी. यह इमारत दूसरे विश्व युद्ध के दौरान पूरी तरह नष्ट हो गयी थी. इसे एक बार फिर पुनर्जागरण काल वाली शक्ल दी गयी. 14वीं सदी में यहां अविवाहित जर्मन व्यापारियों का संघ हुआ करता था.
किस्से कहानियां
कोई नहीं जानता कि रीगा की सड़क के बीचो बीच यह दरवाजा क्यों बनाया गया. लेकिन कहानियां कई हैं. कहते हैं कि 17वीं सदी में जब लातविया पर स्वीडन का कब्जा था, तब एक सिपाही अपनी प्रेमिका से यहां मिला करता था. जब उनके बारे में पता चला तो उन्हें यहीं दीवार में चुनवा दिया गया. कई लोगों को तो उनकी आवाजें भी सुनाई देती हैं!
खूबसूरत इमारतें
रीगा में 800 इमारतों को यूनेस्को की विश्व सांस्कृतिक धरोहर की सूची में रखा गया है. इस इमारत को सोवियत संघ के मशहूर फिल्म निर्देशक सेर्गेई आइजेनश्टाइन के पिता मिखाइल आइजेनश्टाइन ने बनाया. पत्थरों पर गढ़ी गईं जानवरों और महिलाओं की अनगिनत आकृतियां उनकी खासियत हैं.
धन दौलत
20वीं सदी की शुरुआत में रीगा तेजी से विकास करने लगा. औद्योगीकरण के कारण आबादी बढ़ी और लोगों का जीवनस्तर भी. अपनी शोहरत दिखाने के लिए लोगों ने घरों के दरवाजों, खिड़कियों और यहां तक कि सीढ़ियों में भी बारीकी का काम करवाना शुरू कर दिया.
चहेता शहर
लातविया की एक तिहाई आबादी रीगा में ही रहती है. यह शहर देश की राजनीतिक राजधानी होने के साथ ही आर्थिक और सांस्कृतिक राजधानी भी है. यहां कई प्रसिद्ध म्यूजियम, थिएटर और यूनिवर्सिटियां भी हैं. स्टूडेंट्स की बड़ी आबादी के चलते यहां एक युवा शहर जैसा माहौल रहता है.
खाने पीने के लिए..
..रीगा एक बेहतरीन जगह है. शहद, चीज, मछली या किसी भी तरह के फल और सब्जियां यहां की सेंट्रल मार्केट में आराम से मिल जाएंगी. इस तरह की दुकानें यहां आने वाले सैलानियों को भी काफी लुभाती हैं.
यहां भी यूरो
इस साल से लातविया में भी यूरो का इस्तेमाल शुरू हो गया है. लोगों को उलझन न हो और दाम ठीक से समझ आए, इसलिए सामान पर पुरानी और नई दोनों ही मुद्राओं को लिखा जा रहा है.
शहर के बाहर भी
यहां आने वाले अधिकतर लोग सिर्फ रीगा का मुख्य बाजार ही नहीं, बल्कि आसपास की जगहें भी देखना पसंद करते हैं. इस तरह की ट्राम में बैठकर दूसरे इलाकों में जाने का अनुभव कुछ ऐसा है जैसे आप पुराने समय में सफर कर रहे हों.
यादगार
इस तरह की चीजें आपको रीगा में बहुत मिल जाएंगी. पर सबसे यादगार है यहां का अनुभव. इतिहास और संस्कृति में गोते लगाने के बाद शाम में यहां शॉपिंग और नाइट क्लबों का मजा लिया जा सकता है.