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सऊदी अरब में सीरिया के भविष्य पर चर्चा

९ दिसम्बर २०१५

सऊदी अरब में सीरिया के भविष्य पर बैठक चल रही है. राष्ट्रपति असद का विरोध कर रहे संगठनों के 100 से भी अधिक प्रतिनिधि रियाद में चर्चा के लिए पहुंचे हैं.

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Symbolbild - Riad
सऊदी अरब की राजधानी रियादतस्वीर: Getty Images/AFP/H. Ammar

विद्रोहियों में "आर्मी ऑफ इस्लाम" और "अहरार अल-शाम" जैसे कट्टरपंथी संगठन भी शामिल हैं, जिन्हें अब तक सरकार के साथ एक ही मेज पर बैठ कर बात करने का मौका नहीं मिला है. अहरार अल-शाम का नाता आतंकवादी संगठन अल कायदा से रहा है. संगठन के नेता ने शिकायत की है कि बैठक में हिस्सा लेने आए अधिकतर लोग सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं, जनता और विरोधियों का नहीं. अहरार ने दावा किया है कि सऊदी अरब ने शुरुआत में 65 प्रतिनिधियों को बुलाया था, जिनमें केवल 15 ही विरोधियों की ओर से थे. हालांकि इस बीच संख्या में बदलाव आया है.

फ्री सीरियन आर्मी के नाम से कई छोटे छोटे संगठन भी सीरिया में सरकार के खिलाफ लड़ रहे हैं. इन सभी का साझा लक्ष्य राष्ट्रपति बशर अल असद को सत्ता से हटाना है. अहरार समेत इन संगठनों ने मांग की है कि असद और उनके सभी समर्थकों को सत्ता से पूरी तरह से हटाया जाए और असद को उनके हवाले कर दिया जाए.

Syrien-Konferenz in Wien Außenminister
वियना बैठक में विरोधियों को शामिल नहीं किया गया था.तस्वीर: picture-alliance/AA/C. Oguz Gumrukcu

बुधवार को शुरू हुई इस बैठक के लिए सऊदी अरब की राजधानी रियाद में एक पांच सितारा होटल बुक किया गया है. सुरक्षा के कड़े इंतजामों के बीच मंगलवार को ही मीडिया को होटल के इलाके से हट जाने के आदेश दिए गए. इससे पहले अक्टूबर में सीरिया पर चर्चा के लिए 20 देशों के राजनयिक वियना में जमा हुए थे. यह पहला मौका था जब इस तरह की बैठक में ईरान ने भी शिरकत की. अंतरराष्ट्रीय स्तर की यह बैठक अब जनवरी में एक बार फिर होगी. पिछली बार हुई बैठक में विरोधियों को शामिल नहीं किया गया था और इस बात की उन्होंने निंदा भी की थी. ऐसे में मौजूदा बैठक को अगले साल होने वाली बैठक के लिए काफी अहम माना जा रहा है.

Syrien Homs Zerstörung
होम्स में बुरे हालाततस्वीर: picture-alliance/AP Photo

इस दौरान होम्स में सरकार से समझौते के बाद विद्रोहियों ने एक इलाका खाली करना शुरू कर दिया है. सीरिया में मौजूद एक मानवाधिकार संस्था के अध्यक्ष रामी अब्देल रहमान ने समाचार एजेंसी डीपीए को बताया, "करीब 150 लोगों से भरी तीन बसों को अल वाएर इलाके से बाहर ले जाया गया है, इनमें मुख्य रूप से बच्चे और महिलाएं थीं." पिछले हफ्ते सरकार और विद्रोहियों के बीच हुए समझौते के तहत पहले चरण में 750 से 800 लोग इलाके से बाहर जा पाएंगे. धीरे धीरे कुल 3200 लड़ाके अपने परिवारों के साथ विद्रोहियों के इलाके में जा सकेंगे और इसके बदले में सरकार खाद्य और चिकित्सा सामग्री से भरे ट्रकों को इलाके में भेजेगी. एक सप्ताह पहले दमिश्क के एक इलाके को भी इस तरह से खाली कराया गया.

आईबी/एमजे (डीपीए, रॉयटर्स)