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अमेरिकी संसद के प्रस्ताव पर ट्रंप ने लगाया वीटो

२५ जुलाई २०१९

अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने अमेरिकी संसद के प्रस्तावों पर वीटो लगा दिया है. इन प्रस्तावों का मकसद सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात को अरबों डॉलर के हथियारों को बेचने की ट्रंप प्रशासन की योजना को रोकना था.

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USA Washington - Präsident Trump wird erwarteten den Notstandblock mit Veto zu umgehen
तस्वीर: Getty Images/AFP/N. Kamm

कुछ दिनों पहले अमेरिकी कांग्रेस में सऊदी अरब और उनके सहयोगी मुल्कों को 8.1 अरब डॉलर के हथियार बेचने के  प्रस्ताव पर वोटिंग की गई थी. हालांकि संसद की यह वोटिंग ट्रंप की इच्छा के विरुद्ध बताई जा रही थी, जिसमे बाद अमेरिकी राष्ट्रपति ने वीटो का इस्तेमाल किया.

पिछले महीने अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पोए ने ईरान से मिली धमकी का हवाला देते हुए कहा था कि फारस की खाड़ी में अमेरिकी सहयोगियों को 8.1 अरब डॉलर की हथियार बिक्री को मंजूरी दी गई है. इसमें कहा गया था ये अमेरिकी सहयोगी ईरान के भी शत्रु हैं. लेकिन इससे पहले मई 2019 में ट्रंप ने अन्य सांसदों की चिंताओं को दरकिनार करते हुए हथियार बेचने का फैसला किया था. सीनेट में डेमोक्रेट और रिपब्लिकन पार्टी के सांसद हथियारों की बिक्री को रोकने के प्रस्ताव को पेश करने के लिए एक साथ आ गए थे.

व्हाइट हाउस ने तर्क दिया था कि हथियारों की बिक्री को रोकना इस बात का संकेत देगा कि अमेरिका अपने सहयोगियों साथ खड़ा नहीं है, खासकर ऐसे समय में जब उनके खिलाफ खतरे बढ़ रहे हैं. हथियारों के पैकेज में युद्ध-सामग्री, बम, गोला-बारूद और विमान के रखरखाव का सामान शामिल है. सीनेट की विदेश संबंधों के समिति में शामिल न्यू जर्सी के डेमोक्रेट सीनेटर बॉब मेनेंडेज ने हथियारों की बिक्री को रोकने के प्रयास का नेतृत्व किया था. 

ट्रंप प्रशासन के सऊदी अरब के साथ घनिष्ठ संबंधों के चलते संसद में आक्रोश बढ़ रहा है. यह आक्रोश सऊदी अरब के नेतृत्व में यमन में चल रहे युद्ध में मारे जा रहे आम लोगों और सऊदी पत्रकार की हत्या के जमाल खशोगी की हत्या के बाद साफ नजर आ रहा है. मई में ट्रंप प्रशासन द्वारा सऊदी को हथियार बेचने के के फैसले ने तनाव को और भी बढ़ा दिया. पिछले महीने अमेरिकी संसद की विदेशी मामलों की समिति ने हथियारों की बिक्री से जुड़े मामलों को लेकर विदेश मंत्रालय के अधिकारियों को को फटकार लगाई थी.

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आरआर/एए (एपी)

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