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सट्टेबाजी पर कसी जाएगी लगामः आईओसी

२५ अक्टूबर २०१०

अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) 2012 के लंदन ओलंपिक से पहले खेलों में सट्टेबाजी से निपटने के लिए कोशिश तेज करने के बारे में सोच रही है. इसके लिए सरकारों के साथ मिल कर कदम उठाए जाएंगे.

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आईओसी के मुखियातस्वीर: AP

वैसे ओलंपिक समिति ने कहा है कि अब तक हुए ओलंपिक खेलों में कभी ऐसे मामले सामने नहीं आए जब एथलीट सट्टेबाजी में शामिल रहे हों, लेकिन यह मान लेना भी ठीक नहीं होगा कि आगे भी ऐसा ही होता रहेगा. समिति के प्रमुख जैक रोग ने एक प्रेस कांफ्रेस में कहा, "एक समय था जब लोग कहा करते थे कि उनके देश में कोई गैर कानूनी डोपिंग नहीं होती. अब दुनिया में हर जगह गैर कानूनी सट्टेबाजी होती है. कुछ देश इसे रोकने में औरों के मुकाबले ज्यादा सक्षम हैं, लेकिन इससे पाक साफ कोई नहीं हैं."

रोग का कहना है कि खेलों में होने वाली सट्टेबाजी का जाल इस कदर फैला है कि खेल संस्थाओं के लिए यह पता लगा पाना लगभग असंभव हैं कि उनके तार कहां से जुड़े हैं और कहां तक जाते हैं. इसलिए आईओसी इस बारे में सरकारों से मदद चाहती है ताकि संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखी जा सके. लेकिन रोग कहते हैं कि ऐसे लोगों को पकड़ना बहुत मुश्किल हो गया है कि क्योंकि सट्टेबाज पूरे खेल पर नहीं, बल्कि उसके कुछ पहलुओं पर सट्टा लगा रहे हैं. क्रिकेट की मिसाल देते हुए वह कहते हैं, "क्रिकेट में एक रन के लिए सट्टेबाजी हो सकती है, टेनिस में डबल फॉल्ट को इसके लिए इस्तेमाल किया जा सकता है. वहीं फुटबॉल में पहले दो मिनटों में कॉर्नर सट्टेबाजी का जरिया बन सकता है."

पाकिस्तान के तीन क्रिकेट खिलाड़ियों पर स्पॉट फिक्सिंग के आरोपों को इसी श्रेणी में रखा जा सकता है. एक ब्रिटिश अखबार ने स्टिंग ऑपरेशन के जरिए पाकिस्तानी गेंदबाजों पर पैसे लेकर नो बॉल फेंकने का आरोप लगाया. इन आरोपों के चलते सलमान बट, मोहम्मद आमेर और मोहम्मद आसिफ को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने सस्पेंड कर दिया है.

रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार

संपादनः एमजी

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