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सबसे ज्यादा चांद अब शनि के पास हैं

८ अक्टूबर २०१९

चांद के मामले में हमारे सौरमंडल का विजेता अब एक दूसरा ग्रह बन गया है. शनि के इर्द गिर्द 20 और नए चांदों की खोज हुई है और इसके साथ ही उसने बृहस्पति को पीछे छोड़ दिया है.

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Saturn
तस्वीर: picture-alliance/AP/NASA/JPL/Space Science Institute

वैज्ञानिकों ने सोमवार को बताया कि शनि ग्रह के इर्द गिर्द चक्कर लगाने वाले चांदों की संख्या अब 82 हो गई है. अब तक सबसे ज्यादा 79 चांद बृहस्पति के इर्द गिर्द मंडराते देखे गए थे. कार्नेगी इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस के अंतरिक्षविज्ञानी स्कॉट शेपर्ड ने कहा, "यह पता लगाना बड़ा मजेदार रहा कि शनि अब वास्तव में चांद के मामले में सरताज है."

हालांकि बृहस्पति इस के बाद से खुद को सांत्वना दे सकता है कि हमारे सौरमंडल में सबसे बड़ा चांद अब भी बृहस्पति के पास ही है. बृहस्पति का गेनीमेडे चांद पृथ्वी के आकार का लगभग आधा है. इसके उलट शनि के 20 नए चांद बहुत छोटे छोटे हैं. इनमें से हरेक का व्यास करीब 5 किलोमीटर है.

शेपर्ड और उनकी टीम ने हवाई के एक टेलिस्कोप का इस्तेमाल कर शनि के नए चांदों की तलाश इस साल गर्मियो में की. शेपर्ड का कहना है कि अभी 100 और छोटे छोटे चांद शनि का चक्कर लगा रहे हैं जिनकी तलाश की जानी है.

Aufnahmen der Raumsonde Cassini - beringte Saturn Monde
तस्वीर: picture-alliance/United Archives/WHA

शेपर्ड के मुताबिक अंतरिक्षविज्ञानियों ने शनि का चक्कर लगाने वाले 5 किलोमीटर के व्यास वाले और बृहस्पति का चक्कर लगाने वाले 1.6 किलोमीटर जितने छोटे चांदों का पता लगा लिया है. भविष्य में इनसे छोटे खगोलिय पिंडों के बारे में पता लगाने के लिए और बड़ी दूरबीनों की जरूरत होगी.

बृहस्पति की तुलना में शनि के इर्द गिर्द छोटे चांदों का पता लगाना ज्यादा मुश्किल है क्योंकि शनि पृथ्वी से बहुत दूर है. ईमेल से दिए जवाब में शेपर्ड ने लिखा है, "भले ही उन्हें ढूंढना बेहद मुश्किल है लेकिन शनि के चारों ओर इतने चांद को देख पाना, यह दिखाता है कि समय के साथ शनि ने कितने ज्यादा चांद जमा कर लिए हैं." ये छोटे छोटे चांद बड़े चांद से टूट कर बने हैं. यह काम शनि ग्रह के निर्माण के वक्त ही हुआ था.

जिन 20 नए चांदों की खोज शनि के चारों ओर हुई है उनमें से 17 उसके इर्द गिर्द उल्टी दिशा में चक्कर लगा रहे हैं जबकि तीन चांद उस दिशा में चक्कर काट रहे हैं जिस दिशा में शनि खुद घूमता है. यह चांद शनि ग्रह से इतनी दूर हैं कि उन्हें एक परिक्रमा पूरी करने में 2-3 साल लग रहे हैं.

शेपर्ड ने यह भी बताया कि ये चांद उन चीजों के अवशेष से बने हैं जिनसे ग्रहों का निर्माण हुआ. ऐसे में इनका अध्ययन करने से ग्रहों के निर्माण के बारे में जानकारी मिलेगी.

पिछले साल शेपर्ड ने बृहस्पति के चारों ओर 12 चांदों की तलाश की थी. कार्नेगी इंस्टीट्यूशन ने तो उन चांदों के लिए बकायदा नाम रखने की प्रतियोगिता भी चलाई थी. अब ऐसी ही एक प्रतियोगिता शनि के चारों ओर मिले चांदों के लिए सोची जा रही है. वैज्ञानिक यह भी जानने की फिराक में हैं कि क्या सौरमंडल से बाहर के किसी ग्रह के इर्द गिर्द इससे भी ज्यादा चांद हैं. फिलहाल तो सबसे ज्यादा चांद शनि के पास ही हैं. सोमवार को चांद के बारे में यह एलान इंटरनेशनल एस्ट्रोनोमिकल यूनियन के माइनर प्लेनेट सेंटर ने किया.

एनआर/आईबी(एपी)

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