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सरकार को मिला बीएसपी का साथ

२७ अप्रैल २०१०

कटौती प्रस्ताव पर घिर रही सरकार को उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती का साथ मिला. मायावती ने कहा, बीएसपी सांप्रदायिक ताकतों को रोकने के लिए यूपीए का साथ देगी. कांग्रेस और बीएसपी की गुपचुप डील की अटकलें तेज़.

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मौक़ापरस्त दोस्ती!तस्वीर: DW

महंगाई के मुद्दे पर एनडीए, लेफ्ट और कुछ अन्य पार्टियां लोकसभा में कटौती प्रस्ताव लाने की तैयारी कर रहे हैं. प्रस्ताव के तहत ईंधन और खाद की क़ीमतें कम करने की मांग की जाएगी. इन चीज़ों के दाम बजट में बढ़ाए गए थे, लिहाज़ा अब विपक्ष कटौती प्रस्ताव ला रहा है.

कटौती प्रस्ताव में अगर सरकार घिर जाती है तो उसे राजनैतिक संकट का सामना करना पड़ेगा. लेकिन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को भरोसा है कि सरकार कटौती प्रस्ताव को आसानी से झेल लेगी. प्रधानमंत्री का कहना है, ''हमें जीत का पूरा भरोसा है. हमें यक़ीन है कि समान सोच वाली पार्टियां साथ आएंगी.''

कांग्रेस के बढ़ते ब्लडप्रेशर को बीएसपी ने काफ़ी हल्का कर दिया है. मायावती ने कटौती प्रस्ताव में यूपीए का साथ देने का एलान किया है. बीएसपी सुप्रीमो ने कहा, ''हमें यूपीए के ख़िलाफ़ वोट देना चाहिए, लेकिन ऐसा करने से केंद्र में सांप्रदायिक ताकतें मजबूत होंगी.'' नाज़ुक मौक़े पर बीएसपी का समर्थन सरकार के लिए अहम है. लोकसभा में बीएसपी के 21 सदस्य हैं.

Sonia Gandhi und Manmohan Singh
सरकार को ख़तरा नहीं: पीएमतस्वीर: UNI

वैसे बीएसपी और कांग्रेस एक दूसरे के कट्टर विरोधी हैं. मायावती कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी और यूपी कांग्रेस की अध्यक्ष रीता बहुगुणा जोशी से परेशान रहती हैं. लेकिन इस वक्त यूपी की मुख्यमंत्री के ख़िलाफ़ आय से ज़्यादा संपत्ति का केस चल रहा है. इसकी जांच सीबीआई कर रही है. अटकलें लगाई जा रही हैं कि यूपीए का साथ देने से मायावती को सीबीआई से राहत मिल सकती है. सीबीआई चाहे तो सुप्रीम कोर्ट से केस बंद करने की अपील कर सकती है.

सदन में कटौती प्रस्ताव की तैयारी पूरी है. कांग्रेस और बीजेपी समेत कई पार्टियों ने अपने सांसदों को व्हिप जारी कर लोकसभा में मौजूद रहने को कहा है. फिलहाल लोकसभा में यूपीए की स्थिति कुछ ऐसी है: कांग्रेस-207, तृणमूल कांग्रेस-19, डीएमके-18, एनसीपी-9, नेशनल कॉन्फ्रेंस-3 और मुस्लिम लीग-2. इनके अलावा दस अन्य छोटी पार्टियों का सरकार को एक-दो सीटों के साथ समर्थन है. नौ निर्दलीय सदस्य भी सरकार की ओर हैं.

एनडीए और लेफ्ट कटौती प्रस्ताव का समर्थन कर रहे हैं. समाजवादी पार्टी का कहना है कि वह भारत बंद का असर देखकर फ़ैसला करेगी. टीडीपी भी वामपंथियों के सुर में सुर मिला रही है. आरजेडी और एसपी के सांसद संसद के बाहर अब भी प्रदर्शन कर रहे हैं.

रिपोर्ट: एजेंसियां/ओ सिंह

संपादन: एम गोपालकृष्णन