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सविता के बाद खड़ा हुआ आयरलैंड

१८ नवम्बर २०१२

करीब पांच हजार लोगों ने आयरलैंड के रूढ़िवादी प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर रैली निकाली. इन लोगों की मांग थी कि गर्भपात को लेकर साफ गाइडलाइन बनाई जानी चाहिए. सविता हलप्पनवर की मौत के बाद यह मामला तूल पकड़ रहा है.

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तस्वीर: dapd

हाल के दिनों में आयरलैंड में यह विरोध प्रदर्शन की सबसे बड़ी लहर है. 31 साल की भारतीय महिला सविता हलप्पनवर की गर्भपात के बाद सेप्टिकेमिया के कारण मौत हो गई थी. तेज दर्द के कारण हलप्पनवर को 21 अक्टूबर को अस्पताल में भर्ती किया गया. डॉक्टरों ने कहा कि उनका बच्चा नहीं बच सकेगा.

पति प्रवीण के मुताबिक इस खबर के बाद उन्होंने गर्भपात की मांग की. लेकिन गर्भ को तब निकाला गया जब बच्चे की धड़कन रुक गई. इसके बाद खून में जहर फैलने से सविता की 28 अक्टूबर को मौत हो गई. रिश्तेदारों का मानना है कि गर्भपात में हुई देरी के कारण सविता के खून में जहर फैला.

आयरलैंड के स्वास्थ्य विभाग (एचएसई) ने मौत की जांच शुरू कर दी है. इसी के साथ इस मुद्दे पर भी बहस शुरू हुई है कि मां के जीवन को खतरा होने की स्थिति में गर्भपात को वैध बना दिया जाना चाहिए.

कैथोलिक परंपरा वाले आयरलैंड में गर्भपात पर बहुत कड़े कानून हैं. कार्यकर्ताओं का कहना है कि अगर गर्भ को पहले ही हटा दिया जाता को हलप्पनवर की मौत नहीं होती. स्वतंत्र सांसद क्लेरे डाली ने लोगों से कहा, "अपना परिवार शुरू कर रही एक स्वस्थ, जीवंत महिला बेवजह ही मारी गई. क्योंकि कई सरकारें इस मुद्दे पर कोई फैसला नहीं ले पाई."

आयरलैंड के कानून में साफ नहीं किया गया है कि गर्भवती महिला के जीवन को खतरा कितना गंभीर होने पर गर्भपात को अनुमति मिलनी चाहिए. इस पर आखिरी फैसला डॉक्टरों का ही होता है. आलोचकों के मुताबिक डॉक्टरों का निजी विश्वास फैसला करने में एक बड़ी भूमिका निभा सकता है.

Irland Abtreibung Proteste nach dem Tod von Savita Halappanavar
तस्वीर: Reuters

आयरलैंड की राजनीति में कैथोलिक धर्म का प्रभाव तेजी से कम हुआ है जबकि 1980 तक धर्म का बहुत गहरा प्रभाव राजनीति पर था. इसके बाद सरकारों ने इस पर कानून बनाने में अनिच्छा दिखाई क्योंकि उन्हें डर था कि रूढ़िवादी मतदाता उनके दूर हो जाएंगे.

प्रधानमंत्री एंडा केनी की सत्ताधारी पार्टी फिने गेल ने वादा किया था कि वह गर्भपात से जुड़ा कोई नया कानून नहीं लाएगी. प्रधानमंत्री ने इस शुक्रवार को कहा कि वह मामले में कोई जल्दबाजी नहीं करेंगे.

इससे पहले हलप्पनवर की याद में गैलवे और एनिस सहित कई शहरों में कार्यक्रम आयोजित किए गए.

भारत के विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद सविता की मृत्यु के मामले में होने वाली जांच पर नजर रखे हैं. उन्हें दोनों पक्षों के बीच हो रही बातचीत के बारे में पूरी जानकारी दी जा रही है. उधर आयरलैंड में भारत के राजदूत देबाशीष चक्रवर्ती ने उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री एमन गिलमोर से मुलाकात कर भारत सरकार की चिंता जाहिर की. और उम्मीद जताई कि ऐसी घटना दोबारा नहीं होगी. राजदूत ने भारत की स्वतंत्र जांच की इच्छा भी आयरलैंड को जाहिर की.

एएम/एजेए (रॉयटर्स,पीटीआई)

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