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सहारा प्रमुख का सरेंडर

२८ फ़रवरी २०१४

सहारा ग्रुप के प्रमुख सुब्रत रॉय ने पुलिस के सामने समर्पण कर दिया है. सरेंडर करने के बाद सुब्रत रॉय ने सुप्रीम कोर्ट से मामले की तुरंत सुनवाई करने का आग्रह किया. सर्वोच्च अदालत ने ऐसा करने से इनकार कर दिया.

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तस्वीर: Agentur MIA

भारतीय ग्रुप सहारा के चेयरमैन रॉय को चार मार्च के दिन सुप्रीम कोर्ट में पेश होना है. रॉय की संपत्ति में रियल एस्टेट के अलावा मीडिया कंपनियों में शेयर, होटलें भी हैं. जिसमें न्यू यॉर्क की प्लाजा होटेल और लंदन का ग्रॉसवेनर हाउस शामिल है. शेयर बाजार में ये कंपनी लिस्टेड नहीं है लेकिन इसकी संपत्ति करीब 11 अरब डॉलर की है.

बुधवार को सहारा प्रमुख सुप्रीम कोर्ट में अवमानना की सुनवाई के लिए नहीं पहुंचे. इसके बाद सर्वोच्च अदालत ने उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी कर दिया. गुरुवार को यूपी पुलिस रॉय की तलाश में उनके लखनऊ के घर पर गई लेकिन वो वहां नहीं मिले. बढ़ते दबाव और गुजरते समय के बीच शुक्रवार को सहारा प्रमुख ने खुद को लखनऊ पुलिस के हवाले कर दिया.

रॉय ने पहले अदालत से अनुरोध किया था कि वह उन्हें सुनवाई में नहीं आने की छूट दें ताकि वह अपनी 92 साल की मां की देखभाल कर सकें. अदालत ने इस दलील को खारिज कर दिया.

शुक्रवार को रॉय ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि वह भगोड़े नहीं हैं. उनके वकील ने कहा कि वह पुलिस की मदद कर रहे हैं. उनके बेटे सीमांतो रॉय ने कहा, "कानून से बंधे एक नागरिक की तरह ही उन्होंने खुद को लखनऊ पुलिस के हवाले कर दिया है. उन्होंने वादा किया है कि वह चार मार्च को होने वाली अगली सुनवाई में उपस्थित रहेंगे."

सहारा, सिक्युरिटी एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (सेबी) के साथ विवाद में फंसा हुआ है. सेबी आरोप लगाया है कि 2012 में अदालत ने निवेशकों के अरबों डॉलर लौटाने का जो आदेश दिया था, सहारा ने उसे नहीं माना. इन निवेशकों ने एक ऐसी बॉन्ड स्कीम में पैसे लगाए थे, जिन्हें बाद में अवैध करार दे दिया गया था. सेबी के मुताबिक सहारा ने गैरकानूनी ढंग से 200 अरब रुपये जुटाए. सहारा की दलील है कि कंपनी ने इससे कहीं कम पैसे जुटाए और सभी फंड धारकों को पैसे लौट दिए हैं.

एएम/ओएसजे (पीटीआई, एपी)