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सात साल का आईटी एक्सपर्ट

१ जून २०१३

बांग्लादेश के सात साल के एक बच्चे को गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स ने सबसे कम उम्र का आईटी एक्सपर्ट माना है. रिप्लीज बिलीव इट ऑर नॉट उसे पहले ही 'वंडर ब्वाय' बता चुका है और अब अवार्ड देने की तैयारी कर रहा है.

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Wasik Farhan Roopkotha, a seven-year-old boy from Bangladesh is hoping to write his name in Guinness Record as the world's youngest IT expert. The following photos were sent by Cynthia Farheen Risha and she gave permission to DW to use the photos.
तस्वीर: C. F. Risha

वासिक फरहान रूपकोथा जब एक साल का भी नहीं था, तो उसने कंप्यूटरों से खेलना शुरू कर दिया. अब वह इतिहास के पन्नों में नाम दर्ज कराने वाला है, जब उसे दुनिया सबसे कम उम्र का प्रोग्रामर मानेगी. 26 जनवरी, 2006 को पैदा हुए वासिक ने हाल में ढाका में मीडिया और आईटी एक्सपर्टों के सामने अपनी प्रतिभा दिखाई. इस प्रोग्राम का वीडिया बनाया गया और इसे बिना एडिटिंग के गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स के पास भेजा गया.

इस प्रतिभाशाली बच्चे की मां सिंथिया फरहीन रिशा ने बताया, "वीडियो हासिल करने के बाद उन्होंने मुझे कुछ कागज भेजे, जिन पर मैंने दस्तखत कर दिया." रिशा ने बताया कि सिर्फ दो साल की उम्र में उनके बेटे ने एमएस वर्ड इस्तेमाल करना शुरू कर  दिया था, "चार साल की उम्र तक तो वह सी ++ जैसे मुश्किल प्रोग्राम पर काम करने लगा था."

ढाका में जब वासिक अपनी प्रतिभा दिखा रहा था तो क्रिएटिव आईटी लिमिटेड के प्रमुख मुनीर हसन भी वहां थे. हसन का कहना है, "मुझे नहीं पता कि वह कंप्यूटर लैंग्वेज सी के बारे में कितना जानता है, लेकिन उसने उस दिन जो कुछ किया, वह उसकी उम्र के हिसाब से अद्भुत है. मैं उससे बात करना चाहता था. इतना छोटा बच्चा कंप्यूटर पर काम कर रहा था, कोड लिख रहा था और प्रॉब्लम सॉल्व कर रहा था. इसे विश्वास करना मुश्किल था." उन्होंने बताया कि गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड्स के अधिकारी बांग्लादेश आ रहे हैं और कुछ कागजी खानापूरी की जानी बाकी है.

रिशा ने कहा कि उनका बेटा आसानी से ऑपरेटिंग सिस्टम चला सकता है और कंप्यूटर की छोटी मोटी समस्याएं आसानी से हल कर सकता है. उन्होंने बताया कि वासिक को कभी भी कंप्यूटर के सबक नहीं दिए गए, "अगर उसे कुछ देखना होता है तो वह सीधे विकिपीडिया में देखता है." उसकी मां का कहना है कि वह अपना ऑपरेटिंग सिस्टम शुरू करना चाहता है.

रिप्लीज बिलीव इट ऑर नॉट ने वासिक के मां बाप को बता दिया है कि सितंबर महीने में उनकी अगली किताब में वासिक का नाम शामिल किया जाएगा. अब योजना है कि उसकी कहानी स्कूलों में पढ़ाई जाए, ताकि वह दूसरे बच्चों के लिए प्रेरणा का स्रोत बन सके.

रिपोर्टः जाहिदुल हक/एजेए

संपादनः मानसी गोपालकृष्णन