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सिटीबैंक कांड का आरोपी गिरफ्तार

३० दिसम्बर २०१०

भारत में अरबों रुपये की हेराफेरी के आरोप में सिटीबैंक के कर्मचारी शिवराज पुरी को गिरफ्तार कर लिया गया है. पुलिस ने विदेशी बैंक से जुड़े इस घोटाले का पर्दाफाश करने के लिए 40 टीमें बनाई हैं. पुरी कल अदालत में पेश होगा.

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सिटीग्रुप में घपलातस्वीर: picture-alliance/ dpa

गुड़गांव पुलिस कमिश्नर एसएस देसवाल का कहना है कि यह जालसाजी 300 करोड़ रुपये (तीन अरब) रुपयों की हो सकती है. दो दिन पहले ही इस बात का पता चला कि भारत में अमेरिकी बैंक सिटीबैंक की एक ब्रांच में जबरदस्त घोटाला हुआ है. इसके बाद आरोपी की तलाश शुरू हो गई और एयरपोर्टों को अलर्ट कर दिया गया कि आरोपी कहीं फरार न हो जाए.

पुरी पर आरोप है कि उसने अच्छे खासे मुनाफे का लालच देकर कई लोगों से करोड़ों रुपये लिए और उन्हें शेयर बाजार में लगा दिया. पुलिस का कहना है कि पुरी बड़े उद्योगपतियों और व्यापारियों को झांसा दिया करता कि उन्हें कम वक्त में जबरदस्त मुनाफा हो सकता है. पुरी की शख्सियत और सिटीबैंक जैसी कंपनी में काम करने की वजह से लोग उस पर यकीन कर लेते.

अरबों रुपये के इस फ्रॉड की एफआईआर में पुरी को नामजद किया गया है. आरोप है कि वह कारोबारियों को सेबी का एक फर्जी सर्टिफिकेट दिखा कर उन्हें बरगलाता था. 32 साल के पुरी ने अपने और अपने रिश्तेदारों के नाम पर कई बैंक अकांउट खुलवा रखे थे, जिसमें सारे पैसे जमा हो रहे थे. पुलिस ने बुधवार को अलग अलग बैंकों के 60 खातों को सील करा दिया, जबकि सिटीबैंक के 18 खातों को भी फ्रीज कर दिया गया है.

सिटीबैंक ने भी इस मामले को गंभीरता से लिया है. उसने भारत की कानूनी संस्थाओं को इस बात की जानकारी दे दी है और अपने स्तर पर भी मामले की जांच कर रही है.

रिपोर्टः एजेंसियां/ए जमाल

संपादनः ए कुमार