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सितारों को संभालने का जिम्मा कपेलो पर

सचिन गौड़ (संपादनः ए जमाल)६ जून २०१०

इंग्लैंड की फुटबॉल टीम में सितारे भरे होते हैं. लेकिन पूरी टीम कभी स्टार प्रदर्शन नहीं कर पाती. अब इतालवी मूल के कोच कपेलो पर जिम्मेदारी है कि वे टीम से वर्ल्ड कप के लिए सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कराएं.

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तस्वीर: AP

इंग्लैंड के मैनेजर फाबियो कपेलो इटली की राष्ट्रीय टीम के लिए फुटबॉल खेल चुके हैं. कपेलो को इंग्लैंड टीम के मैनेजर के रूप में स्टीव मैकलॉरेन को हटाए जाने के बाद 2008 में चुना गया. स्वीडन के स्वेन गोरान एरिक्सन के बाद यह सिर्फ दूसरी बार है जब इंग्लैंड फुटबॉल टीम को कोई विदेशी मैनेजर संभाल रहा है. जाहिर है उनके कंधों पर उम्मीदों का पहाड़ भी है जिसे लेकर वह दक्षिण अफ्रीका जा रहे हैं. कपेलो घोषणा कर चुके हैं इंग्लैंड के बाद वह किसी टीम की जिम्मेदारी नहीं स्वीकार नहीं करेंगे.

Fußball Nationalmannschaft England 2010 Flash
तस्वीर: picture alliance/empics

कपेलो जिस क्लब के कोच बने उसे घरेलू लीग में उन्होंने विजेता बनाया और मिलान, रियाल मैड्रिड, रोमा, युवेंट्स जैसे नामी गिरामी क्लबों को शिखर पर पहुंचाया. माना जाता है कि कपेलो की छांव में फुटबॉल टीमें मजबूत रक्षात्मक खेल दिखाती हैं. इस रणनीति के जरिए टीमों को जीत तो मिलती है लेकिन प्रशसंक खेल की इस रणनीति ज्यादा पंसद नहीं करते.

कपेलो खिलाड़ियों को कड़े अनुशासन में रखना पसंद करते हैं और ऐसे खिलाड़ियों को पसंद करते हैं जो कोच की इज्जत करते हैं और मानसिक रूप से मजबूत होते हैं. प्लेब्वाय और विवादस्पद छवि वाले खिलाड़ियों से वह दूर ही रहते हैं. कपेलो आमतौर पर 4-4-2 की रणनीति के साथ टीम को फील्ड पर उतारते हैं लेकिन अगर जरूरत पड़े तो वह बदलाव को भी तैयार रहते हैं.

Fußballtrainer WM 2010 Fabio Capello England Flash-Galerie
तस्वीर: AP

अपनी प्रेमिका से कपेलो ने 40 साल पहले शादी की और अब तक निभा रहे हैं. कपेलो कला जगत के प्रेमी हैं और उनके कला संग्रह की कीमत 100 लाख पाउंड आंकी गई है.

इंग्लैंड के लिए वर्ल्ड कप में मैनेजर की भूमिका निभा रहे कपेलो की अगली चुनौती 2010 वर्ल्ड कप में इंग्लैंड को जिताना है. उन्होंने कहा है कि देश के लिए खेलने के दबाव के चलते इंग्लैंड के खिलाड़ी अपना स्वाभाविक खेल नहीं दिखा पाते और इसलिए वह एक मनोचिकित्सक की भूमिका भी निभाना चाहेंगे. कपेलो ने दो साल पहले जब इंग्लैंड टीम के कोच का काम शुरू किया तो उन्हें इंग्लिश नहीं आती थी. लेकिन उनके काम में समर्पण की यह हद है कि उन्होंने बेहद कम वक्त में अंग्रेजी सीख लिया.

कपेलो ने इटली के लिए 32 मैच खेले और वेम्बली में इंग्लैंड के खिलाफ 1-0 से जीत उनका यादगार मैच है. इटली के लिए वह गोल कपेलो ने ही किया था. अब फाबियो कपेलो इंग्लैंड को 2010 का वर्ल्ड कप खिताब दिलाने का सपना पूरा करने की जिम्मेदारी है.