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सीरिया और लेबनान के संबंध होंगे सामान्य

१४ अगस्त २००८

स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में अपने अस्तित्व के छह दशक बाद सीरिया और लेबनान ने अपने संबंधों को सामान्य बनाएँगे और कूटनीतिक संबंध स्थापित करेंगे.

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सुलैमान और असदतस्वीर: AP

स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में अपने अस्तित्व के छह दशक बाद सीरिया और लेबनान ने अपने संबंधों को सामान्य बनाएँगे. लेबनान के राष्ट्रपति मिषेल सुलैमान और सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल असद ने दमिश्क में अपने ऐतिहासिक शिखर भेंट में दोनों देशों के बीच कूटनीतिक संबंध स्थापित करने और साझा सीमारेखा तय करने का फ़ैसला लिया है.

फ़्रांस की ग़ुलामी से 1943 में मिली आज़ादी के बाद से दोनों देशों की सीमा पर विवाद है. एक सीमा जिस पर व्यापक हिस्से में कोई नियंत्रण नहीं है और जहाँ रहने वाली आबादी तस्करी के सहारे जीती है. एक सीमा जहां से होकर हथियार सीरिया से लेबनान पहुंचते हैं. अब दोनों देश मिलकर इस सीमा का निर्धारण करेंगे. सीरिया की सरकार के एक प्रवक्ता का कहना है कि दोनों देशों के प्रतिनिधियों का एक आयोग सीमा से जुड़े मुद्दों पर चर्चा करेगा और तस्करी की समस्या की जांच करेगा.

इलाक़े के जानकारों का कहना है कि लेबनान से सीरियाई फ़ौज़ों को हटाने के तीन साल बाद हुई शिखर भेंट दोनों देशों के संबंधों को नया स्वरूप दे सकती है. आज़ादी के बाद से सीरिया लेबनान को औपनिवेशिक सत्ता फ़्रांस की सृष्टि मानता रहा है और 1975 से 90 तक चले गृहयुद्ध के दौरान वह सुरक्षा सत्ता की भूमिका में आ गया और लेबनान में अपनी सेना के साथ हस्तक्षेप किया. अभी भी देश सीरिया समर्थक और सीरिया विरोधी दलों में बंटा दिखता है.

यदि सीरिया लेबनान को अब स्वतंत्र और समान अधिकार प्राप्त पड़ोसी मानने के प्रति गंभीर है तो लगभग 40 समझौतों पर पुनर्विचार करना होगा जो लेबनान में सीरिया के प्रभाव को पुख्ता करते हैं. सीरिया के विदेशमंत्री वालिद अल मुअल्लम ने शिखरभेंट को मैत्रीपूर्ण और व्यापक बताते हुए कहा है कि यह सीरिया और लेबनान के बीच विशेष संबंधों का दर्पण है.

2005 में मार डाले गए पूर्व प्रधानमंत्री रफ़ीक़ हरीरी के बेटे सईद हरीरी ने शिखर भेंट के फ़ैसले को ऐतिहासिक क़दम बताया है, लेकिन अन्य सीरिया विरोधी नेता इसे सीरिया सरकार की चाल समझते हैं. इसके विपरीत जर्मन विदेशमंत्री फ़्रांक-वाल्टर श्टाइनमायर ने कूटनीतिक संबंधों की स्थापना को अच्छे पड़ोसाना संबंधों की दिशा में अहम क़दम बताया है.