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सीरिया चुनाव से पहले आशंका

२५ मई २०१४

सीरिया का राष्ट्रपति चुनाव सिर्फ दो हफ्ते दूर है और दमिश्क के लोगों को डर है कि इस दौरान एक बार फिर हिंसा बढ़ सकती है.

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तस्वीर: AP

सरकार ने नारा दिया है, "साथ मिल कर हम दोबारा निर्माण कर सकते हैं". इस नारे से शहर की सड़कें भर गई हैं. लेकिन कुछ वाशिंदों को डर है कि दोबारा निर्माण की बात बहुत जल्दी की जा रही है. उन्हें अंदेशा है कि अभी हिंसा बढ़ेगी. दमिश्क पर मुख्य तौर पर सरकारी सेनाओं का नियंत्रण है और उनसे लोहा लेने के लिए विद्रोहियों की सेना कुछ दूर पर डटी है और बम बरसा रही है.

दिन में दुकान चलाने वाले 37 साल के महमूद रात को टैक्सी चलाते हैं. उनका कहना है, "अगर विरोधी उस दिन अपनी शक्ति दिखाना चाहते हैं, तो हमें इस चुनाव से अल्लाह ही बचाए."

सुरंग का डर

कुछ लोगों को शंका हो रही है कि विरोधी राजधानी दमिश्क में बारूदी सुरंगें बिछा रहे हैं. विरोधियों ने हाल में इस तकनीक का इस्तेमाल सीरिया के कई हिस्सों में किया है. उन्होंने अलेप्पो शहर में भी बारूदी सुरंगों से सरकारी फौज पर निशाना बनाया है. हालांकि दमिश्क में बारूदी सुरंग का फिलहाल इस्तेमाल नहीं हुआ है. लेकिन लोगों को डर है कि अगर ऐसा होता है, तो पूरा का पूरा मुहल्ला नष्ट हो सकता है. इससे पहले सरकारी सुरक्षा गार्डों ने कई इमारतों के तहखानों की तलाशी ली है.

अधिकारियों ने "पुनर्निर्माण टैक्स" के नाम पर लोगों का बोझ बढ़ा दिया है. 19 साल का हसन बिलकुल व्यथित हो चुका है, "किस पागल दुनिया में हम अपने बच्चों को रॉकेट हमलों के बीच स्कूल भेज रहे हैं और फिर पुनर्निर्माण के लिए उन्हें पैसे दे रहे हैं."

Syrien Damaskus Gefechte 13.2.2014
तस्वीर: AFP/Getty Images

असद की जीत पक्की

दमिश्क के ज्यादातर कारोबारियों ने राष्ट्रपति बशर अल असद के समर्थन का एलान किया है. असद के विशालकाय पोस्टर शहर में जगह जगह लगे हैं, जबकि राष्ट्रपति पद के बाकी के दो उम्मीदवारों के पोस्टर भी इक्का दुक्का जगहों पर लगे हैं. इस महीने तो शहर की सड़कों पर लगातार असद के पक्ष में रैलियां होती रहीं.

दमिश्क के लोग आम तौर पर मौजूदा सरकार के पक्ष में खड़े दिखते हैं. उनका मानना है कि वोटिंग से समस्या दूर हो सकती है. 35 साल के अयमान सरकार के समर्थक हैं. उनका कहना है, "जाहिर बात है कि हर कुछ फिक्स किया गया है. यह एक फिल्म की तरह है. लेकिन संकट से निकलने का यही रास्ता है. असद को 70 फीसदी वोट मिलेंगे और बाकी के दो उम्मीदवारों को 15-15 फीसदी. आप देख लीजिएगा."

असद के विरोधी अम्मार जैसे लोग चुनाव का बहिष्कार करना चाहते हैं. लेकिन उन्हें डर है कि कहीं इसकी कीमत न चुकानी पड़े, "अगर मैं वोट नहीं दूंगा तो क्या वे इसे रिकॉर्ड में शामिल करेंगे. तो क्या अगर मैं कभी ट्रैफिक में चेकिंग के दौरान रोका जाऊं, तो मेरा आईकार्ड पंच करने पर उन्हें इस बारे में पता लग जाएगा. मुझे नहीं मालूम."

1/3 सीरिया बेघर

दमिश्क के कुछ हिस्से सामान्य हैं. हालांकि तीन साल की हिंसा में डेढ़ लाख से ज्यादा लोग मारे गए हैं और एक तिहाई सीरिया बेघर हो चुका है. सीरियाई राजधानी के शॉपिंग सेंटर में एक जिम लोगों को आकर्षक विज्ञापन देकर बुला रहा है. जिम की म्यूजिक दूर सड़कों तक आ रही है. बशर का घर भी ज्यादा दूर नहीं है. और पास ही बुल्गारिया का सांस्कृतिक केंद्र है, जहां साल्सा और टैंगो क्लास चल रहे हैं.

दमिश्क के लोगों का कहना है कि वे आम तौर पर अपना काम रात में करते हैं क्योंकि रात में कम रॉकेट हमले होते हैं. हो सकता है कि विरोधी ऐसा इसलिए करते हों कि उनके ठिकाने का पता न चल पाए.

इस बीच भीड़ भाड़ वाले कैफे और रेस्त्रां कुछ और ही तस्वीर पेश करते हैं. सिगरेट के लती यहां कॉफी से पहले, कॉफी के बाद और कॉफी के दरमियान एक एक सिगरेट सुलगा रहे हैं. कुछ कॉलेज के छात्र हैं. वे बेरोजगार हैं. कुछ तो ऐसे भी हैं, जो जान बूझ कर फेल हो गए हैं. अगर पास हो जाते, तो अनिवार्य सैनिक ट्रेनिंग में जाना पड़ता. 25 साल के मोताज ने केमिस्ट्री की पढ़ाई की है. उससे पूछा कि जीवन कैसा चल रहा है, तो जवाब मिला, "जम गया है".

एजेए/एमजे (रॉयटर्स)