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एस जयशंकर नए विदेश सचिव

२९ जनवरी २०१५

अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के भारत से जाने के एक ही दिन बाद सरकार ने विदेश सचिव बदलने का निर्णय लिया. सुजाता सिंह को कार्यकाल पूरा होने से आठ महीने पहले ही पद से हटा दिया गया.

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Empfang in der indischen Botschaft in Berlin zum Tag der Republik
तस्वीर: DW/M. Jha

नए विदेश सचिव का पद एस जयशंकर ने संभाला है जो अब तक अमेरिका में भारत के राजदूत के रूप में नियुक्त थे. ओबामा की सफल भारत यात्रा को इसका कारण माना जा रहा है. रिपोर्टों के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सुजाता सिंह के काम से खुश नहीं थे और उन्हें पहले भी पद से हटाना चाहते थे लेकिन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के कहने पर उन्हें बर्खास्त नहीं किया गया था. 1987 में राजीव गांधी के नेतृत्व वाली सरकार ने एपी वेंकटेश्वर को विदेश सचिव पद से हटाया था. उसके बाद से किसी भी विदेश सचिव की छुट्टी का यह पहला मामला है.

2013 में एस जयशंकर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की भी पसंद थे. लेकिन बताया जाता है कि सोनिया गांधी ने सुजाता सिंह के हक में फैसला लिया क्योंकि सिंह के पिता टीवी राजेश्वर कांग्रेस से नाता रखते थे. वहीं सुब्रह्मण्यम जयशंकर की उपलब्धियों में न केवल ओबामा को गणतंत्र दिवस के मौके पर सफलतापूर्वक भारत बुलाना शामिल है, बल्कि इससे पहले मोदी के अमेरिका दौरे की सफलता का श्रेय भी उन्हीं को दिया जा रहा है. अमेरिका में प्रधानमंत्री मोदी की छवि किसी रॉकस्टार जैसी लगी जिस पर ओबामा समेत दुनिया भर के नेताओं का ध्यान गया.

कांग्रेस ने इसे एक राजनीतिक कदम बताया है और बीजेपी से इस मामले में सफाई मांगी है. इसके जवाब में बीजेपी के प्रवक्ता नलिन कोहली ने कहा, "मुझे इस शोरगुल की वजह समझ नहीं आती. सरकार के पास हक है यह तय करने का कि वह कब किस अफसर को नियुक्त करना चाहती है और उसे क्या जिम्मेदारी देना चाहती है. और ऐसा पहली बार भी नहीं हुआ है. इससे पहले भी सरकारें इस तरह के फैसले लेती आई हैं."

कोहली ने कहा कि कांग्रेस जानबूझ कर इसे राजनीतिक मुद्दा बना रही है, "कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता चाहें तो राजनीति कर सकते हैं. वे अपने ही नेता से प्रेरित नहीं लगते. इसीलिए बात बात पर शोर मचाने लगते हैं, वहां भी जहां कोई जरूरत ही नहीं है. मुझे इस कदम के राजनीति से प्रेरित होने का कोई कारण समझ नहीं आता."

आईबी/ओएसजे (पीटीआई)