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सुन्नियों के सहारे आईएस से लड़ाई

Abha Mondhe१६ सितम्बर २०१४

अमेरिका इराक में दोबारा अपनी सेना नहीं भेजना चाहता. वह अब सशस्त्र सुन्नी गुटों और कबायली लड़ाकों को इस्लामिक स्टेट के साथ लड़ाई के लिए राजी करने की कोशिश में जुटा है. 6 साल पहले इसी तरह अल कायदा को इराक से भगाया गया था.

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तस्वीर: Reuters

अमेरिका एक ओर कट्टरपंथी इस्लामी स्टेट के ठिकानों पर हवाई हमले कर रहा है तो दूसरी ओर स्थानीय गुटों को इस लड़ाई में साथ लाने की कोशिश कर रहा है. अनुभवी राजनयिक और 2010-2012 के बीच इराक में अमेरिकी राजदूत रह चुके जेम्स जेफरी कहते हैं कि अभी बहुत हलचल है. बगदाद सरकार के साथ उनके काफी करीबी रिश्ते हैं. जेफरी कहते हैं, "एक बैठक इरबिल में हुई, एक बैठक अम्मान में हो चुकी है."

सुन्नी गुटों से बातचीत

उनका इशारा कबीलाई गुटों और अमेरिकी अधिकारियों के बीच चल रही बातचीत को लेकर था. योजना इतनी आसान नहीं है क्योंकि कई सुन्नी इसे विफलता और दगाबाजी के तौर पर देखते हैं. उत्तर और पश्चिम इराक के सुन्नी बहुल इलाकों में सामूहिक हत्याओं के बावजूद सुन्नी इस्लामिक स्टेट को कम बुरा मानते हैं. अमेरिकी और इराकी अधिकारियों का कहना है कि सुन्नियों को नेशनल गार्ड में शामिल किया जाएगा. इस सुरक्षा बल का मकसद बगदाद से सत्ता विकेंद्रित करना होगा.

इस कदम से सुन्नियों की मांग भी पूरी की जा सकेगी, जिसमें शिया बहुसंख्यक बलों से उनके उत्पीड़न को भी रोका जा सकेगा. इस्लामिक स्टेट के ठिकानों पर हाल के अमेरिकी और इराकी हवाई हमले से ज्यादा मदद नहीं मिली है क्योंकि उन्हें स्थानीय नेताओं और इस्लामिक स्टेट के आतंकियों में अंतर करना मुश्किल होता है. सरकार की अपील के बावजूद कई बार रिहायशी इलाकों में भी हमले हो जाते हैं. इसके बावजूद अमेरिकी, इराकी अधिकारियों और इराकी सुन्नी गुटों के बीच बातचीत चल रही है.

शियाओं की चिंता

नाम नहीं बताने की शर्त पर एक पश्चिमी राजनयिक ने कहा, "अमेरिकी सभी प्रकार के इराकी सुन्नी से बात कर रहे हैं. अम्मान में ऐसे लोगों की भरमार है." सुन्नी तानाशाह सद्दाम हुसैन के सत्ता से हटाए जाने के बाद शिया सरकार और अमेरिकी फौज से लड़ने वाले सुन्नी आतंकवादियों से भी संपर्क किया जा रहा है. ऐसे चरमपंथी संगठनों से बात करना अमेरिका ही नहीं इराक में भी विवादास्पद हो सकता है. ऐसे चरमपंथियों ने कई अमेरिकी फौजियों की हत्या की है. इराक में बहुत से शियाओं की चिंता है कि वॉशिंगटन सुन्नी चरमपंथियों का समर्थन कर रहा है.

अमेरिका ने इराक की राजधानी बगदाद के पास कुख्यात आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट के खिलाफ हवाई हमले शुरू कर दिए हैं. अमेरिका के एक रक्षा अधिकारी ने बताया कि वायुसेना के लड़ाकू विमानों ने माउंट सिंजार और राजधानी बगदाद के पास हवाई हमले किए हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने पिछले हफ्ते ही आईएस के खिलाफ लड़ाई का खाका पेश किया था जिसके बाद वायुसेना की यह पहली कार्रवाई है. अमेरिकी सेना के मुताबिक ये हमले आईएस के खिलाफ लड़ रही सेनाओं की मदद के लिए किए गए हैं.

एए/एमजे (रॉयटर्स)