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समाज

"सुपरफूड" है बच्चों की पॉटी

३१ अगस्त २०१८

प्रसव के बाद स्तनधारी जीव अपने नवजात को चाटते हैं. उसके मल को जीभ से साफ करते हैं. इसके पीछे प्रकृति का बड़ा जबरदस्त विज्ञान छुपा है.

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Indien Überschwemmungen in Kerala
तस्वीर: Getty Images/AFP/M. Kiran

अमेरिका के वेक फॉरेस्ट स्कूल ऑफ मेडिसिन के वैज्ञानिकों का दावा है कि इंसान के नवजात के मल में भी सेहत के लिए बेहत अच्छे माने जाने वाले बैक्टीरिया बेशुमार मात्रा में पाए जाते हैं. विज्ञान पत्रिका साइंटिफिक रिपोर्ट्स में इस शोध के नतीजे छापे गए हैं.

वैज्ञानिकों के मुताबिक नवजात का मल एक किस्म का "सुपरफूड" है. उसमें लैक्टिक एसिड वाले बैक्टीरिया बड़ी मात्रा में होते हैं. ये बैक्टीरिया व्यस्क इंसान की आंतों के लिए बेहद फायदेमंद होते हैं. पूरे स्वास्थ्य पर इनका असर बेहद सकारात्मक मिला.

उम्र बढ़ने के साथ साथ एंटीबायोटिक दवाओं या दूसरे किस्म की कई दवाओं से इंसान की आंत में मौजूद बैक्टीरिया कम होने लगते हैं. इसका असर मेटाबॉलिज्म पर पड़ता है और पेट में बीमारियां जन्म लेने लगती हैं. शोध के मुताबिक नवजातों के मल में मौजूद बैक्टीरिया वयस्क की आंतों में पहुंचकर शॉर्ट चेन फैटी एसिड बनाते हैं. स्टडी के प्रमुख हरिओम यादव कहते हैं, "शॉर्ट चेन फैटी एसिड आंतों की अच्छी सेहत के लिए बहुत ही जरूरी होते हैं."

मोटापे के साथ डायबिटीज, ऑटोइम्यून बीमारियों और कैंसर के मरीजों की आंतों में आम तौर पर शॉर्ट चेन फैटी एसिड बहुत कम होते हैं.

नवजात के मल की खासियत

शोध के दौरान वैज्ञानिकों ने शिशुओं के मल को बारीकी से जांचा. शिशु आम तौर पर व्यस्क इंसान की तुलना में ज्यादा स्वस्थ होते हैं. उनमें उम्र संबंधी बीमारियां नहीं के बराबर होती हैं. प्रयोग के दौरान 34 बच्चों के डायपर रोज जमा किए गए.

डायपरों से जुटाए गए मल को वयस्क चूहों को खिलाया गया. सेहतमंद बैक्टीरिया से भरे इस मल की खुराक लेते ही चूहे ज्यादा सेहतमंद हो गए. यादव कहते हैं, "इस डाटा का इस्तेमाल भविष्य में ह्यूमन माइक्रोबायोम, मेटाबॉलिज्म से जुड़ी बीमारियों पर प्रोबायोकटिक्स के असर को जानने के लिए किया जा सकता है."

कुछ ऐसा ही प्रयोग जर्मनी के माक्स प्लांक इंस्टीट्यूट फॉर बायोलॉजी ऑफ एजिंग में भी किया गया. यहां वैज्ञानिकों ने वयस्क मछलियों को नवजात मछलियों का मल खिलाया. प्रयोग के बाद देखा गया कि नवजात मछलियों का मल खाने वाली मछलियों की आंतें बहुत स्वस्थ हो गईं.

काथारीना पीट्ज/ओएसजे