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सेना और चरमपंथियों की झड़प में 35 मरे

२४ दिसम्बर २०१०

पश्चिमोत्तर पाकिस्तान में तालिबान उग्रवादियों ने अर्धसैनिक बलों की पांच चौकियों पर पूरे तालमेल के साथ हमला किया जिसमें 11 सैनिक और 24 उग्रवादी मारे गए हैं. पेशावर के पास एक स्कूल बस में भी धमाका हुआ.

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तस्वीर: AP

अराजक मोहमंद जिले में एक वरिष्ठ अधिकारी अमजद अली ने बताया, "हमारे कम से कम 11 लोग शहीद हो गए हैं और 12 घायल हुए हैं." उन्होंने कहा कि सुरक्षा बलों की जवाबी कार्रवाई में 24 उग्रवादी भी मारे गए हैं. ये हमले अफगान सीमा से लगने वाली पांच चौकियों पर किए गए. खान कहते हैं, "सेना ने तालिबान के संदिग्ध ठिकानों पर बमबारी के लिए हेलीकॉप्टॉर गनशिप भेजे हैं."

सुरक्षा बलों ने इलाके को घेर लिया है और फरार उग्रवादियों की तलाश की जा रही है. स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि अर्धसैनिक बल ने हमलों और इसमें लोगों के मरने की पुष्टि की है. वहीं मोहमंद जिले के लिए तालिबान के प्रवक्ता सज्जाद मोहमंद ने समाचार एजेंसी एएफपी को फोन कर बताया है कि दो सैनिकों को उन्होंने पकड़ा भी है. हालांकि सुरक्षा बल इससे इनकार कर रहे हैं. सज्जाद मोहमंद ने दावा किया, "हमने 12 सैनिकों को मार गिराया और एक चौकी पर कब्जा कर लिया है."

Taliban Mullah Abdul Salam Saif und Sohail Schaheen
पाकिस्तानी तालिबानतस्वीर: picture alliance / dpa

पूर्वोत्तर पाकिस्तान के मोहमंद जिले में अकसर तालिबानी हिंसा होती रही है. 6 दिसंबर को ही गालानाई में हुए दो आत्मघाती बम हमलों में 43 लोग मारे गए. यह इलाका देश की राजधानी इस्लामाबाद से 175 किलोमीटर दूर पूर्वोत्तर में पड़ता है. मोहमंद उन सात पाकिस्तानी कबायली जिलों मे से एक है जिन्हें अमेरिका अल कायदा के लिए सुरक्षित पनाहगाह और दुनिया की सबसे खतरनाक जगह मानता है.

इस बीच, पेशावर के नजदीक पेलोसी में एक स्कूल बस में टाइमर बम से हमला किया गया जिसमें चार बच्चे घायल हो गए. वरिष्ठ पुलिस अधिकारी शफीउल्ला खान ने बताया कि ब्रेक टाइम में बच्चे खेल रहे थे कि तभी पास खड़ी बस में धमाका हो गया. इस्लामाबाद की लाल मस्जिद में 2007 की सैन्य कार्रवाई के बाद पाकिस्तान में चार हजार लोग आत्मघाती हमलों का शिकार बने हैं. इन हमलों के लिए तालिबान और अल कायदा को जिम्मेदार ठहराया जाता है.

अमेरिका पाकिस्तान पर दबाव डाल रहा है कि वह अपने उत्तरी वजीरिस्तान इलाके में सैन्य अभियान चलाए, लेकिन पाकिस्तान इसमें आनाकानी करता है. अमेरिका समझता है कि अफगानिस्तान में विदेशी सैनिकों से लड़ने वाले तालिबानी तत्व इस इलाके से काम करते हैं. पाकिस्तान पश्चिमी जगत के इन आरोपों को खारिज करता है कि वह आतंकवाद को खत्म करने के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठा रहा है. पाकिस्तान सेना के मुताबिक 2002 से इस साल अप्रैल तक उसने अपने 2,421 सैनिक खोए.

रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार

संपादनः ओ सिंह

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