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कला

स्कूली किताब सिखा रही है बिल्ली का दम घोंटना

८ फ़रवरी २०१७

बच्चों को पढ़ाई जाने वाली किताब "अवर ग्रीन वर्ल्ड" में बिल्लियों पर किए जाने वाले प्रयोग को शामिल किया गया है जिस पर पशु अधिकार कार्यकर्ताओं के ओर से कड़ी प्रतिक्रिया आ रही है.

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Bulgarien Sofia Pooh the cat mit bionischen Hinterbeinen
तस्वीर: Reuters/S. Nenov

सैकड़ों निजी स्कूलों में बच्चों को पढ़ाई जाने वाली एक किताब पशु अधिकार कार्यकर्ताओं को परेशान कर रही है. दरअसल इस किताब में बिल्लियों पर किये जाने वाले एक प्रयोग का जिक्र है. इस प्रयोग के तहत बिल्ली के बच्चों को अलग-अलग दो बक्से में रखना है. प्रयोग में निर्देश है कि "हर बक्से में एक बिल्ली को रखिए. कुछ समय बाद बक्से को खोलिए, आप क्या देखते हैं? जिस बक्से में छेद नहीं था उसमें रखी गई बिल्ली मर गई है.”

पशु अधिकार कार्यकर्ताओं के मुताबिक कई स्कूलों ने "अवर ग्रीन वर्ल्ड" नाम की किताब से यह विवादित पेज हटा लिया है. साथ ही प्रकाशक से यह वादा भी लिया है कि वे इस तरह की सामग्री को अगले संस्करण में नहीं छापेंगे.

फेडरेशन ऑफ इंडियन एनिमल प्रोटेक्शन ऑर्गनाइजेशन की प्रवक्ता विधि मत्ता के मुताबिक यह बेवकूफी भरा हो सकता है लेकिन ऐसे प्रयोग शामिल कर जानवरों और बच्चों के जीवन को खतरे में डाला जा रहा है. हालांकि विधि कहती हैं कि उन्हें अब तक ऐसी कोई जानकारी नहीं है जब किसी बच्चे ने यह प्रयोग असल में किया हो.

भारतीय किताबों का विवादों में फंसना कोई नया नहीं है. इसके पहले भी विवादित सामग्री या अन्य गलतियों के चलते ऐसे मामले सामने आते रहे हैं.

छत्तीसगढ़ राज्य सरकार की एक किताब में महिलाओं को देश में बढ़ती बेरोजगारी के लिए जिम्मेदार ठहराया गया था. वहीं एक अन्य दावे में कहा गया कि जापान ने दूसरे विश्व युद्ध के दौरान अमेरिका पर परमाणु बम गिराया था.

(कैसे शोक मनाते हैं जानवर)

एए/वीके (एएफपी)