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स्टार्ट अप से कारोबार में दाखिल होते किशोर

१३ जनवरी २०१७

जर्मनी में कुछ किशोर स्कूल और पढ़ाई की छोड़कर अपने कारोबारी ख्वाब पूरे करने में जुटे हैं. आखिर क्या सोचते हैं ऐसे किशोर.

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Symbolbild Luftschloss Wolken
तस्वीर: Colourbox/L. Dolgachov

17 वर्षीय रूबिन लिंड ने कुछ हफ्ते अपनी कंपनी बनाई है. स्कूल जाने के बदले वह एक ऐड फिल्म बना रहा है. ऐसी फिल्म जो दूसरे टीनएजर्स को भी स्टार्ट अप खोलने के लिए प्रोत्साहित करेगी. लेकिन यहां तक पहुंचना आसान नहीं. रूबिन खुद भी यह स्वीकार करता है, "आप कोशिश करते हैं कि यह सामने न आए, लेकिन आप परेशान होते हैं. सारे नियमों और कानूनों से, क्योंकि एक किशोर को कंपनी खोलने के लिए बहुत सारी नौकरशाही बाधाओं को पार करना पड़ता है."

कॉन्ट्रैक्ट पर दस्तखत वह खुद नहीं कर सकता, नाबालिग होने के कारण, हालांकि उसने अपना ऐप खुद डेवलप किया है. किताबों की सामग्री स्मार्टफोन में है ताकि रास्ते में भी सीखा जा सके. रूबिन के मुताबिक, "आप दिमाग में कंपनी खोल सकते हैं, लेकिन उससे कमाई तो नहीं हो सकती. जरूरी है असल में सोचना कि कानूनी तौर पर किस तरह की कंपनी हो, मेरी वित्तीय जवाबदेही का क्या होगा, मुझे कैसी कंपनी बनानी चाहिए? ये सब आप कहीं नहीं सीखते."

खुद कारोबारी बने दो युवा और हैं. दोनों 19 साल के. गेर्नोट जुम्मरमन ने अपना वर्कशॉप सजाया है. वह मेकैनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहा है. उसका रिहैब दस्ताना एक वर्चुअल रियलिटी ऐनक के साथ जुड़ा है. आयडिया ये है कि हाथ की फीजियोथेरैपी वीडियो गेम्स की मदद से हो. ये आयडिया 15 साल की उम्र से ही था. अब उसने कंपनी बनाई है. और कॉलेज के लिए समय ही नहीं है. जुम्मरमन कहते हैं, "ऐसा प्रोजेक्ट चौबीस घंटे का काम है. क्योंकि आप हमेशा उसके बारे में सोचते रहते हैं, ये सोचते रहते हैं कि गलती कैसे ठीक करूं, इसे कैसे बेहतर बनाऊं. "

गेर्नोट जुम्मरमन को एक स्टार्ट अप फाउंड्री में जगह मिल गई है. 15,000 यूरो का निवेश करके बिजनेस ट्रेनिंग और प्राइवेट कोचिंग.

तकनीक तैयार है, इंवेस्टर फोन करने लगे हैं, लेकिन बाजार में पैर जमाना आसान नहीं. किशोरों पर लोग तुरंत भरोसा नहीं करते. जैसे व्यापार मेलों में.

नीदरलैंड्स की एक चोटी की कंसल्टेंसी कंपनी उनकी मदद कर रही है. असल में हेल्थ सेक्टर बहुत ही मुश्किल है. चाहे बीमा कंपनी हो या मरीजों का संगठन हो, कोई अचंभा नहीं चाहता. गेर्नोट और उसके हमउम्र कर्मचारी अनुभवी पार्टनर खोजने की कोशिश कर रहे हैं.  उनके मेंटर रिचर्ड फान डेन ब्रोक कहते हैं, "युवा होने की ताकत ये है कि आप संभावनाओं के बारे में सोचते हैं. और आप अपने आविष्कार के बारे में उत्साही और जुनूनी होते हैं. आपको ऐसे लोगों की जरूरत होती है जो सवाल पूंछें और आपको गड्ढे में गिरने से बचाएं."

17 साल के रूबिन ने कॉर्नेलसन पब्लिशिंग हाउस के एक प्रतिनिधि को बुलाया है. रूबिन के पास दफ्तर नहीं है, इसीलिए मुलाकात कॉफी हाउस में हो रही है. रूबिन चाहते हैं कि स्कूली किताबों का प्रकाशक कॉर्नेलसेन भी उसके ऐप को कंटेंट दे. वे डिजिटल नैटिव्स पर ज्यादा ध्यान दें. रूबिन अपने अनुभव के आधार पर कहते हैं, "हम रोजमर्रा जिंदगी में सिर्फ किताबों के साथ ही नहीं जीते, बल्कि स्मार्टफोन के साथ. मैं बैग में हमेशा किताब लेकर क्यों चलूं,  अगर स्मार्टफोन में किताब पढ़ने की संभावना हो तो." गली गर्मियों में रूबिन का हाईस्कूल पूरा हो जाएगा. लेकिन रूबिन का लक्ष्य तो अपनी कंपनी है.

पाओला हेनफ्लिंग/एमजे