1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

स्पेस एक्स ने अंतरिक्ष में फिर भेजे 60 उपग्रह

१२ नवम्बर २०१९

स्पेस एक्स ने सोमवार को 60 छोटे छोटे उपग्रह अंतरिक्ष में भेजे हैं. खर्च घटाने के लिए कंपनी पुराने रॉकेट के कलपुर्जों का इस्तेमाल कर रही है.

https://p.dw.com/p/3SrZr
SpaceX bringt 60 Starlink Satelliten in die Orbite
तस्वीर: picture-alliance/Spacex via ZUMAPRESS.com

फाल्कन रॉकेट ने सोमवार सुबह अंतरिक्ष के लिए उड़ान भरी. यह उसकी चौथी अंतरिक्ष यात्रा है. कॉम्पैक्ट फ्लैट पैनल वाले इन छोटे छोटे उपग्रहों का वजन महज 260 किलोग्राम है. इसी साल मई में 60 और उपग्रह भेजे गए थे. ये उपग्रह भी अंतरिक्ष में जा कर उनसे जुड़ जाएंगे. स्पेस एक्स के संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी अंतरिक्ष में पृथ्वी की कक्षा में हजारों ऐसे उपग्रहों को भेजना चाहते हैं. इसके जरिए उनका इरादा पूरी दुनिया में तेज गति वाली इंटरनेट सेवा मुहैया कराना है. अगले साल उत्तरी अमेरिका और कनाडा में उन्होंने सेवा शुरू करने की योजना बनाई है. दुनिया भर में आबादी वाले इलाकों तक इंटरनेट पहुंचाने के लिए इस तरह 24 बार उपग्रहों को अंतरिक्ष में भेजा जाएगा. पिछले महीने मस्क ने अंतरिक्ष में घूमते स्टारलिंक सेटेलाइट का इस्तेमाल कर ट्वीट किया था, "वाह, यह काम कर रहा है."

SpaceX bringt 60 Starlink Satelliten in die Orbite
तस्वीर: picture-alliance/dpa/AP/J. Raoux

कंपनी रॉकेट के ऐसे बूस्टर इस्तेमाल कर रही है जिन्हें बार बार उपयोग में लाया जा सकता है. इस बार के रॉकेट में लगा पहले चरण का बूस्टर चौथी बार उड़ान पर गया था जो अभूतपूर्व है. बूस्टर जब अटलांटिक महासागर में तैरते प्लेटफॉर्म पर आ कर गिरा तो कंपनी के कर्मचारी खुशी से शोर मचाने लगे. कंपनी के लॉन्च कमेंटेटर ने कहा, "इन बूस्टरों को इस तरह से बनाया गया है कि इन्हें 10 बार इस्तेमाल किया जा सकता है, आओ साथियों इसे पांचवीं बार के लिए तैयार करते हैं." इस बार की उड़ान में स्पेस एक्स ने पहली बार इस्तेमाल किए हुए नोज कोन (रॉकेट का ऊपरी हिस्सा) भी इस्तेमाल किया. कैलिफोर्निया की यह कंपनी रॉकेट के इस्तेमाल हुए पूर्जों का इस्तेमाल खर्च घटाने के लिए करती है.

रॉकेट के ऊपरी हिस्से में भीतर रखे नए उपग्रह अंतरिक्ष में पहुंचने के बाद और ज्यादा ऊंचाई पर चक्कर लगाएंगे. इसके लिए क्रिप्टॉन की ऊर्जा वाले प्रक्षेपकों का इस्तेमाल किया जा रहा है. स्पेस एक्स का कहना है कि 60 में से एक उपग्रह के साथ समस्या हो सकती है कि वह 280 किलोमीटर ऊंची कक्षा के पार ना जा सके. ऐसी स्थिति में उस खराब उपग्रह को वापस पृथ्वी के वातावरण में आने के निर्देश दिए जाएंगे और फिर यह बिना नुकसान पहुंचाए खुद ही जल कर खत्म हो जाएगा.  हर उपग्रह में एक स्वचालित तंत्र है जिससे कि वह अंतरिक्ष के कचरे से खुद को बचा सके. सितंबर में हालांकि यूरोपीय स्पेस एजेंसी को अपना उपग्रह स्टारलिंक सेटेलाइट के रास्ते में आने से बचाने के लिए उसकी जगह से हटाना पड़ा था. बाद में स्पेस एक्स ने कहा कि उसने समस्या का समाधान कर दिया है.

स्पेस एक्स और दूसरी कई कंपनियां पूरी दुनिया में ब्रॉडबैंड इंटरनेट का कवरेज देना चाहती हैं. खासतौर से उन इलाकों में जहां यह बहुत खर्चीला है या फिर भरोसेमंद नहीं है. इन कंपनियों में वनवेब और जेफ बेजोस की एमेजॉन प्रमुख हैं. इलॉन मस्क के मुताबिक स्टारलिंक से होने वाली कमाई से स्पेसएक्स ऐसे रॉकेट और अंतरिक्षयान बनाएगा जिनसे मंगल ग्रह की यात्रा हो सकेगी. इलॉन मस्क बहुत दिनों से यह सपना देख रहे हैं.

एनआर/आईबी (एपी)

__________________________

हमसे जुड़ें: WhatsApp | Facebook | Twitter | YouTube | GooglePlay | AppStore

इस विषय पर और जानकारी को स्किप करें

इस विषय पर और जानकारी

और रिपोर्टें देखें