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स्वचालित सीढ़ियों पर जरा सावधान

ओएसजे/आरआर८ अप्रैल २०१६

स्वचालित सीढ़ियां या एस्कलेटर अब आम हो चुके हैं. लेकिन लापरवाही की जाए तो ये जानलेवा भी साबित होते हैं.

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तस्वीर: Alex Ogle/AFP/Getty Images

भारत के बड़े शहरों या शॉपिंग मॉल्स में एस्कलेटर कही जाने वाली बिजली से चलने वाली सीढ़ियां अब अजूबा नहीं रह गई हैं. महानगरों में तो रेलवे स्टेशनों और मेट्रो स्टेशनों पर भी इनका इस्तेमाल किया जा रहा है. हर मशीन की तरह इसकी भी एक क्षमता होती है और रखरखाव का तरीका होता है. लेकिन कभी कभार कुछ अहम बातों को या तो लोग नजरअंदाज कर देते हैं या इंजीनियर. दुनिया भर में हर साल स्वचालित सीढ़ियों पर होने वाले हादसों में सैकड़ों लोग चोटिल होते हैं. कई की जान जाती है. कभी इंजीनियरिंग की चूक होती है तो कभी लोगों की लापरवाही.

इसीलिए यह बेहद जरूरी है कि एस्कलेटर का इस्तेमाल करते समय सावधानी बरते. एस्कलेटर के आखिरी सिरे पर कभी खड़े ना रह जाएं, ऐसा करने से पीछे से आ रहे लोग और आप दोनों मुश्किल में पड़ते हैं. इसका इस्तेमाल करने समय मशीन से भी ना तो किसी किस्म की छेड़छाड़ करें या ना ही जोर आजमाइश से भरा मजाक करें.

कुछ लोग एस्कलेटर खराब होने पर भी उसी का इस्तेमाल करते हैं. अगर बगल में सीढ़ियां हों तो ऐसा करने से बचें. अगर एस्कलेटर खचाखच भरा हो तो सामान्य सीढ़ियों का इस्तेमाल किया जा सकता है. उसे बुजुर्गों, बच्चों या जरूरतमंदों के लिए छोड़ा जा सकता. ऐसा करने से शारीरिक कसरत भी होगी और मशीन भी महफूज रहेगी.