1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

हड़ताल से फीकी पड़ती सोने की चमक

प्रभाकर१८ मार्च २०१६

केंद्रीय बजट में दो लाख रुपए से ज्यादा के आभूषणों की खरीद पर पैन नंबर अनिवार्य किए जाने के और सोने पर एक्साइज ड्यूटी एक फीसदी बढ़ाने के विरोध में देश भर के आभूषण व्यापारी दो सप्ताह से बेमियादी हड़ताल पर हैं.

https://p.dw.com/p/1IFuf
Bildergalerie Diwali Fest 2014 Indien
तस्वीर: AFP/Getty Images/Narinder Nanu

शादी-ब्याह के इस सीजन में आभूषण व्यापारियों की हड़ताल से आम लोगों को भारी परेशानी हो रही है. भारत में सोने के आभूषणों का दैनिक कारोबार औसतन छह सौ करोड़ रुपए है. दूसरी ओर, बजट में सोने पर एक्साइज ड्यूटी बढ़ाने के प्रावधान के बाद सोने की तस्करी में भी तेजी आई है. लेकिन न तो सरकार पीछे हटने को तैयार है न ही व्यापारी. सर्राफा व्यापारियों ने अपनी मांगों के समर्थन में इस सप्ताह दिल्ली के रामलीला मैदान में एक विशाल रैली भी निकाली. लेकिन वित्त मंत्री अरुण जेटली ने साफ कर दिया है कि एक फीसदी अतिरिक्त एक्साइज ड्यूटी खत्म नहीं की जाएगी.

आल इंडिया सर्राफा एसोसिएशन के उपाध्यक्ष सुरिंदर कुमार जैन कहते हैं, "सरकार के फैसला वापस नहीं लेने तक हड़ताल जारी रहेगी." वित्त मंत्रालय ने सफाई दी है कि सालाना 12 करोड़ से ज्यादा टर्नओवर वाले व्यापारियों को ही एक फीसदी अतिरिक्त एक्साइज ड्यूटी का भुगतान करना होगा. लेकिन व्यापारी इससे संतुष्ट नहीं हैं. सरकार ने दो लाख से ज्यादा कीमत के आभूषणों की खरीद की स्थिति में ग्राहक का पैन कार्ड देना अनिवार्य कर दिया है. आल इंडिया जेम्स एंड ज्वेलरी ट्रेड फेडरेशन का कहना है कि सरकार के इस फैसले से आभूषणों के कारोबार पर प्रतिकूल असर पड़ेगा क्योंकि अब भी देश में ज्यादातर लोगों के पास पैन कार्ड नहीं है. फेडरेशन के निदेशक अशोक मीनावाल कहते हैं, "हमारी जानकारी के मुताबिक देश की 80 फीसदी से ज्यादा आबादी के पास पैन कार्ड नहीं है. ऐसी हालत में ऐसा कोई कानून बनाने से क्या फायदा?"

आम लोग परेशान

सरकार ने यह नियम बीते साल दिसंबर में बनाया था. लेकिन इसे लागू किया गया है इस साल पहली जनवरी से. इसका मकसद काले धन पर अंकुश लगाना है. आमतौर पर आभूषणों की खरीद में काले धन या अघोषित रकम का ही इस्तेमाल होता है. लेकिन मीनावाला की दलील है कि इससे भ्रष्टाचार और बढ़ेगा. आम तौर पर मध्यवर्ग और खेतिहर लोग ही शादियों और त्योहारों के सीजन में सोना खरीदते हैं. उनका सवाल है कि आखिर मध्यवर्ग के लोग काले धन को छिपाने के लिए आभूषण क्यों खरीदेंगे? मीनावाला का कहना है कि पहले आभूषणों के मामले में पांच लाख रुपए की खरीद पर ही पैन कार्ड देना होता था. लेकिन अब इसे दो लाख कर दिया गया है जो व्यावहारिक नहीं है.

आभूषण व्यापारियों की हड़ताल से शादियों के सीजन में आम लोगों को भारी दिक्कत हो रही है. अब कई लोग शादी की तारीख आगे बढ़ा रहे हैं तो कुछ लोग कृत्रिम आभूषणों से ही काम चला रहे हैं. दीपा गांगुली की बहन की बेटे की शादी अभी 12 मार्च को होनी थी. लेकिन हड़ताल की वजह से उनको पहले आर्डर किए आभूषणों की डिलीवरी नहीं मिल सकी. नतीजतन शादी टालनी पड़ी. दीपा का सवाल है कि हमें मंगलसूत्र तक नहीं मिल सका. इसके बिना शादी कैसे होगी? उनकी तरह रमेश भुवालका की बेटी की शादी भी अगले महीने है. लेकिन उनको चिंता है कि तब तक हड़ताल कहीं जारी तो नहीं रहेगी. वैसा हुआ तो कृत्रिम आभूषणों से ही काम चलाना होगा. उन्होंने आभूषणों के लिए आधे से ज्यादा रकम का अग्रिम भुगतान भी कर दिया है.

तस्करी तेज

एक्साइड ड्यूटी बढ़ने के बाद सोने की तस्करी में अचानक तेजी आई है. विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों ने अकेले कोलकाता में बीते एक सप्ताह के दौरान तस्करी से आने वाला कम से कम 27 किलो सोना जब्त किया है. आभूषण व्यापारियों का कहना है कि तस्करी से आने वाला सोना सस्ता होने की वजह से आने वाले दिनों में यह और बढ़ेगी. इसी महीने की नौ तारीख को राजस्व खुफिया निदेशालय ने कोलकाता में 26 किलो सोना जब्त किया. इसे म्यांमार से गुवाहाटी व सिलीगुड़ी होकर कोलकाता लाया जा रहा था. कस्टम विभाग के एक अधिकारी बताते हैं कि कीमतों में अंतर बढ़ते ही सोने की तस्करी तेज हो जाती है.

ड्यूटी बढ़ने के बाद 10 ग्राम सोने की कीमतों में कम से कम 3300 रुपए का अंतर हो गया है. शादी के सीजन के अलावा बांग्ला नववर्ष पोयला बैशाख और अक्षय तृतीया करीब होने की वजह से सोने की मांग लगातार बढ़ रही है. नतीजतन तस्करी के सोने की आवक तेज हुई है. स्वर्ण शिल्प बचाओ कमिटी के अध्यक्ष बाबलू दे उम्मीद जताते हैं कि केंद्र सरकार शीघ्र इस समस्या का कोई हल निकालेगी. उन्होंने सरकार की ओर से फैसला वापस नहीं लेने की स्थिति में आंदोलन तेज करने की भी धमकी दी है.