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हथियारों की रोक पर साथ आया सीरिया

१४ अक्टूबर २०१३

सीरिया आधिकारिक रूप से संयुक्त राष्ट्र के रासायनिक हथियारों पर रोक वाले समझौते में शामिल हो गया है. रूस और अमेरिका के बीच हुए समझौते में उसने अपने हथियारों को खत्म करने पर पहले ही सहमति दे दी थी.

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तस्वीर: L.Beshara/AFP/GettyImages

रासायनिक हथियारों पर रोक लगाने के लिए संयुक्त राष्ट्र के समर्थन वाले संगठन ऑर्गनाइजेशन फॉर प्रोहिबिशन ऑफ केमिकिल वीपंस यानी ओपीसीडब्ल्यू के प्रवक्ता माइकल लुहान ने कहा, "आज से सीरिया इस समझौते का पूरे तौर पर सदस्य बन गया है." उन्होंने बताया कि यह फैसला सीरियाई सरकार के अनुरोध पर लिया गया है. बकौल माइकल लुहान, "कुछ हफ्ते पहले सीरिया ने अपने आवेदन को तेजी से आगे बढ़ाने का अनुरोध किया था जिससे कि हम अपना काम कर सकें, अब उस पर फैसला हो गया है."

ओपीसीडब्ल्यू के करीब 60 सदस्य सीरिया के रासायनिक हथियारों के जखीरे और उन्हें बनाने के उपकरणों को खत्म करने के काम में जुटे हैं. इसके बारे में रूस और अमेरिका के बीच समझौता हुआ था और सीरिया की असद सरकार हथियार मिटाने पर रजामंद हो गई थी. सितंबर में हुई इस बातचीत के दौरान ही सीरिया ने कहा कि वह रासायनिक हथियारों के समझौते पर दस्तखत कर देगा. रूस ने सीरिया के सामने प्रस्ताव रखा था कि वह अपने हथियारों को अंतरराष्ट्रीय पर्यवेक्षकों के हवाले कर दे.

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तस्वीर: picture-alliance/dpa

इसी साल अगस्त में सीरिया की असद सरकार पर दमिश्क में विद्रोहियों के कब्जे वाले इलाके में रासायानिक हथियारों के इस्तेमाल का आरोप लगा. विद्रोहियों के साथ ही पश्चिमी देशों ने भी असद सरकार पर इन हमलों के आरोप लगाए. इन हमलों में 1400 से ज्यादा लोगों के मारे जाने की बात कही गई है. हालांकि राष्ट्रपति बशर अल असद रासायनिक हथियारों के इस्तेमाल के आरोपों लगातार इनकार कर रहे हैं.

नॉर्वे की नोबेल कमेटी ने पिछले हफ्ते ही "ओपीसीडब्ल्यू को रासायनिक हथियारों को खत्म करने में भरपूर कोशिशों के लिए" इस साल के शांति पुरस्कारों के लिए चुना है. 1997 में बने इस संगठन का काम रासायनिक हथियार समझौते को लागू करना है. इस समझौते से जुड़ने वाले देशों के अपने रासायनिक हथियारों और उन्हें बनाने के संयंत्रों को खत्म करना होता है. सीरिया इस समझौते में शामिल होने वाला 190वां देश है. अब केवल छह ऐसे देश बचे हैं जो इस समझौते से दूर हैं.

यही है वह 'सवाल का निशान' जिसे आप तलाश रहे हैं. इसकी तारीख 15/10 और कोड 921 हमें भेज दीजिए ईमेल के ज़रिए hindi@dw.de पर या फिर एसएमएस करें +91 9967354007 पर.
यही है वह 'सवाल का निशान' जिसे आप तलाश रहे हैं. इसकी तारीख 15/10 और कोड 921 हमें भेज दीजिए ईमेल के ज़रिए hindi@dw.de पर या फिर एसएमएस करें +91 9967354007 पर.तस्वीर: Fotolia/Xaver Klaußner

काम जारी रखेगा रेडक्रॉस

इस बीच सीरिया में काम करने रहे अंतरराष्ट्रीय संगठन रेड क्रॉस ने सोमवार को कहा है कि वह कार्यर्ताओं के अपहरण के अपना बावजूद काम जारी रखेगी. रविवार को सीरिया में रेडक्रॉस के छह सदस्यों समेत सात लोगों का बंदूकधारियों ने अपरहरण कर लिया. इनमें एक सदस्य सीरियाई संगठन अरब रेड क्रिसेंट का कार्यकर्ता है. रेडक्रॉस के प्रवक्ता एवॉन वाटसन ने स्विस पब्लिक रेडियो से कहा है, "हम सीरियाई जनता को सहयोग देने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं. सीरिया में काम रोकने का हमारा कोई इरादा नहीं है, लेकिन निश्चित रूप से इस स्थिति ने हमें हमारे कामों पर करीब से नजर रखने पर विवश किया है क्योंकि अपने लोगों की सुरक्षा के बगैर हम सीरियाई लोगों के लिए मदद या हमारा काम नहीं कर पाएंगे."

एनआर/ एएम(डीपीए)

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