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हर महीने मर रहे हैं 5000

१७ जुलाई २०१३

सीरिया में हर महीने करीब पांच हजार लोग मर रहे हैं और देश से भागने वाले लोगों की इतनी बड़ी तादाद 1994 में रवांडा के नरसंहार के बाद और कभी नहीं देखी गई. यह अनुमान और आंकड़े संयुक्त राष्ट्र के अधिकारियों के हैं.

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तस्वीर: Reuters

सीरिया का संकट पूरे इलाके के लिए संकट हो सकता है. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में मानवाधिकार मामलों के सहायक महासचिव इवान सिमोनोविच ने कहा, "सीरिया में मानवाधिकारों का गंभीर उल्लंघन हो रहा है. युद्ध अपराध और मानवता के खिलाफ अपराध का बोलबाला है." संयुक्त राष्ट्र में शरणार्थी मामलों के प्रमुख अनोटोनियो गुटेरेस ने कहा कि एजेंसी के पास 2013 के शुरुआत से अब तक 18 लाख लोगों के देश छोड़ कर शरणार्थी बनने के आंकड़े हैं. इनमें करीब दो तिहाई सीरियाई हैं. हर रोज करीब 6000 लोग देश छोड़ रहे हैं. गुटेरेस ने कहा, "20 साल पहले के रवांडा नरसंहार के बाद हमने इतने बड़े पैमाने पर शरणार्थियों को जाते नहीं देखा."

संयुक्त राष्ट्र में मानवीय सहायता मामलों के प्रमुख वैलेरी अमोस का कहना है कि सीरिया में करीब 68 लोगों को तुरंत मानवीय सहायता की जरुरत है. इसके साथ ही उन्होंने सरकार और विरोधियों पर आम लोगों की रक्षा में नाकाम रहने का आरोप लगाया.

Syrien Flüchtlinge in Libanon
संघर्ष ने बच्चों के भविष्य पर प्रश्नचिह्न लगा दिया हैतस्वीर: DW/I. Chaloub

संयुक्त राष्ट्र के इन अधिकारियों के मुताबिक मार्च 2011 से अप्रैल 2013 के बीच सीरीया में 92,901 लोग मारे गए. सरकारी सेना ने कुसैर, तल्काल्ख, अलेप्पो और दमिश्क से विपक्षियों को उखाड़ फेंकने के लिए पूरा जोर लगाया है. सिमानोविच ने कहा, "सरकारी सेनाओं ने अंधाधुंध गोलीबारी की और आसमान से बमबारी की, उन्होंने दूसरे हथियारों के साथ ही बैलिस्टिक मिसाइलों, क्लस्टर बमों का भी इस्तेमाल किया, जिनसे भारी आबादी वाले इलाकों में काफी ज्यादा नुकसान और जान माल की हानि हुई." इन हमलों में महिलाओं और बच्चों समेत सैकड़ों लोग मारे गए, हजारों घायल हुए और दसियों हजार लोग बेघर हो गए.

सिमानोविच का कहना है कि हथियारबंद विद्रोही गुट भी सत्ताधारी सेनाओं की तरह ही जुल्म ढा रहे हैं. वे लोग यातना दे रहे हैं, अपहरण और हत्याएं की जा रही हैं. सीरिया का संकट इलाके के लिए एक बड़ी समस्या बनेगा इसकी चेतावनी दी जा रही है. शरणार्थी मामलों के प्रमुख गुटेरेस ने कहा, "सीरिया का संकट इलाके में आग लगा देगा, यह खाली चेतावनी नहीं है."

आंकड़ों पर सवाल

Syrien Kämpfe in Homs 07.07.2013
होम्स शहर में बर्बादीतस्वीर: picture-alliance/dpa

संयुक्त राष्ट्र के अधिकारियों ने सीरिया के पड़ोसी देशों से अपनी सीमाएं खुली रखने और शरण के लिए आने वाले सीरियाई लोगों को रखने की अपील की है. गुटेरेस के मुताबिक जॉर्डन और लेबनान पर सबसे ज्यादा शरणार्थियों का बोझ है. हालांकि इराक के कुर्द इलाकों और तुर्की ने भी अपने संसाधनों से करोड़ों डॉलर शरणार्थियों की मदद पर खर्च किए हैं.

सीरिया की सरकार संयुक्त राष्ट्र के आंकड़ों से सहमत नहीं है. संयुक्त राष्ट्र में सीरिया के राजदूत बशर जाफरी ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र के पास जो शरणार्थियों और मारे गए लोगों का आंकड़ा है, वह "गैरपेशेवर सूत्रों" से मिला है. इसके साथ ही उन्होंने जोर दे कर कहा कि सीरियाई सरकार "आर्थिक, राजनीतिक और मीडिया के दबाव के बावजूद लोगों के प्रति अपनी जिम्मेदारी और उनकी बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के लिए जितना संभव है" कर रही है.

जाफरी का कहना है कि सरकार "आतंकवाद" से लड़ रही है. विरोधी लड़ाकों को सीरियाई सरकार ने आतंकवादी करार दे रखा है. उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि क्यों दुनिया केवल होम्स में फंसे 2500 लोगों की फिक्र कर रही है सीरिया के दूसरे इलाकों में फंसे लाखों लोगों की नहीं.

एनआर/ एजेए(रॉयटर्स)

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