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हुई या नहीं हुई भारतीय रेल साइट की हैकिंग

ऋतिका पाण्डेय (पीटीआई)५ मई २०१६

भारतीय रेल साइट आईआरसीटीसी ने गुरुवार को सामने आई हैकिंग की खबरों से इनकार किया है. करोड़ों यूजरों के डाटा के चोरी होने की खबर को झूठ बताते हुए सरकार ने मामले की जांच शुरु कर दी है.

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Suresh Prabhu
तस्वीर: Reuters/Adnan Abidi

रेलवे केटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन आईआरसीटीसी की वेबसाइट के हैक होने की खबर से खलबली तो मची, लेकिन सरकारी प्रवक्ता ने सामने आकर जल्द ही इसका खंडन कर दिया. रेलवे बोर्ड मेंबर (यातायात) मोहम्मद जमशेद ने पीटीआई से बातचीत में कहा, "ना कोई टिकटिंग वेबसाइट आईआरसीटीसी की हैकिंग हुई है और ना ही कोई लीकेज. सब सुरक्षित है."

इससे पहले महाराष्ट्र के साइबर अधिकारियों की रिपोर्ट में बताया गया था कि साइट को हैक कर यूजरों के प्रोफाइल से उनके ईमेल और मोबाइल नंबर जैसी जानकारी लीक हो गई है.

रेलवे ने मामले की जांच के लिए साइबर विशेषज्ञों और आईआरसीटीसी के सतर्कता अधिकारियों को मिलाकर एक कमेटी गठित कर दी है. इसकी प्रारम्भिक रिपोर्ट में किसी भी डाटा के लीक होने से इंकार किया गया है.

वेबसाइट का ई-टिकटिंग सिस्टम का काम भारतीय रेलवे की आईटी शाखा क्रिस देखती है. इनका डाटा केन्द्र क्रिस के परिसर में ही स्थित है. पहली बार डाटा की चोरी की शिकायत 2 मई को सामने आई थी. तबसे अभी तक ऐसे किसी मामले की पुष्टि नहीं हुई है.

यूजरों के डेबिट या क्रेडिट कार्ट की जानकारी, लॉग इन आई, पासवर्ड वगैरह लीक होने से वित्तीय गड़बड़ी का खतरा हो सकता था. वहीं लोगों के मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी तो कई ई-कॉमर्स साइटों के पास पहले ही पहुंच चुकी हैं.

आईआरसीटीसी के प्लेटफॉर्म पर हर दिन कई लाख टिकट बुक होते हैं. आईआरसीटीसी के सीएमडी एके मनोचा ने बताया है कि हर दो साल में ई-टिकटिंग सिस्टम की नियमित ऑडिटिंग भी की जाती है. पासवर्ड जैसे संवेदनशील डाटा को इनक्रिप्ट कर के सुरक्षित रखा जाता है.