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नंबर वन डांसर ह्रतिक

६ जुलाई २०१३

प्रभुदेवा का नाम किसी परिचय का मोहताज नहीं है. तेलुगू फिल्मों में नृत्य निर्देशक के तौर पर अपनी पहचान बनाने के बाद उन्होंने कुछ तेलुगू फिल्मों का रिमेक बना कर हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में भी एक मुकाम हासिल कर लिया है.

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तस्वीर: DW/P. Mani Tewari

प्रभुदेवा मानते हैं कि अगले कुछ वर्षों में हिंदी फिल्मों का बजट 500 से 600 करोड़ रुपये तक पहुंच जाएगा. अपनी नई फिल्म रमैया वस्तावइया के प्रमोशन के सिलसिले में कोलकाता पहुंचे प्रभुदेवा ने अपने अब तक के सफर और भावी योजनाओं के बारे में डायचे वेले के साथ बातचीत की. पेश हैं उसके प्रमुख अंशः

डॉयचे वेले: कोरियोग्राफर से अभिनेता और फिर निर्देशक बनने का सफर कैसा रहा है?

प्रभुदेवा: मैंने अब तक के सफर में काफी उतार-चढ़ाव देखे हैं. 14-15 साल की उम्र से इस इंडस्ट्री में काम कर रहा हूं. मैंने जीवन में कभी किसी काम की योजना नहीं बनाई. लेकिन अब कह सकता हूं कि जो भी हुआ, अच्छा हुआ है. इसके लिए मैं ऊपर वाले का आभारी हूं.

रमैया वस्तावइया कैसी फिल्म है?

यह मेरी तेलुगू फिल्म का रिमेक है. पहले इसके रिमेक का इरादा नहीं था. लेकिन कुछ मित्रों की सलाह पर मैंने इसे हिंदी में बनाने का फैसला किया. अब इस फिल्म से मैं संतुष्ट हूं. रमैया वस्तावइया तेलुगू शब्द है जिसका मतलब है राम तुम कब आओगे? इस फिल्म का हीरो राम विदेश से लौटता है.

नृत्य और नृत्य कला के प्रशिक्षण में आपको क्या ज्यादा पसंद है?

दोनों. इन दोनों से मुझे समान संतुष्टि मिलती है. हां, नृत्य, निर्देशन और अभिनय में चुनने को कहा जाए तो मुझे नृत्य सबसे ज्यादा पसंद है.

आपने हिंदी फिल्मों के तमाम बड़ा सितारों के साथ काम किया है. इनमें से सबसे बढ़िया डांसर कौन है?

डांस में किसी को आसानी से बेहतर डांसर के तौर पर वर्गीकृत करना मुश्किल है. लेकिन हिंदी फिल्मों में ह्रतिक रोशन बेहतर हैं. तेलुगू फिल्मों में तीन-चार बेहतरीन डांसर हैं.

इससे पहले आपके निर्देशन में बनी वॉन्टेड और राउडी राठौर तेलुगू की रिमेक थी और दोनों ने सौ करोड़ से ज्यादा का कारोबार किया था. क्या आप रिमेक बनाना जारी रखेंगे?

रीमेक में असली फिल्म का जादू दोबारा पैदा करने की चुनौती होती है. लेकिन यह बात पता होती है कि पहले यह कहानी हिट हो चुकी है. दर्शकों को मसाला फिल्में पसंद है और मैं दर्शकों की पसंद का ध्यान रखता हूं. इसके अलावा मसाला फिल्में बनाना आसान है.

आपकी अब तक की तमाम फिल्में रिमेक ही रही हैं?

हां, यह सही है, लेकिन मेरी अगली फिल्म रैंबो राजकुमार पहली बार हिंदी में ही बन रही है. उसकी कहानी भी मैंने ही लिखी है. फिल्म में शाहिद कपूर और सोनाक्षी की जोड़ी है.

आपकी भावी योजनाएं?

मैं एक हॉरर फिल्में बनाना चाहता हूं. इसके अलावा रामायण को भी लार्ड आफ द रिंग्स की तर्ज पर बनाने की योजना है. लेकिन ऐसी फिल्मों को बेहतर तरीके से बनाने में पांच से छह सौ करोड़ की लागत आएगी. अभी भारतीय फिल्मों का बजट सौ करोड़ के आसपास है. लेकिन पांच साल में यह पांच से छह सौ करोड़ तक पहुंच जाएगा.

इंटरव्यू: प्रभाकर, कोलकाता

संपादन: ओंकार सिंह जनौटी

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