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10 साल बाद भारतीय ने जीता गोवा का सुनहरा मोर

३ दिसम्बर २०१०

बांग्ला फिल्मकार गौतम घोष की फिल्म मोनेर मानुष (द क्वेस्ट) ने भारत के 41वें अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में गोल्डन पीकॉक अवॉर्ड जीता है. पिछले एक दशक में यह पहली भारतीय फिल्म है जिसने यह खिताब जीता है.

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तस्वीर: picture-alliance/ dpa

मोनेर मानुष 19वीं सदी के सूफी कवि लालन फकीर की जिंदगी पर आधारित है. इस फिल्म में मुख्य भूमिका बांग्ला सुपरस्टार प्रसेनजीत चटर्जी ने निभाई है. गोल्डन पीकॉक के लिए फिल्म को ट्रॉफी और 20 लाख रुपये का पुरस्कार दिया गया है.

कौशिक गांगुली की जस्ट अनदर लव स्टोरी को स्पेशल जूरी अवॉर्ड यानी सिल्वर पीकॉक मिला. इस फिल्म में रितुपर्णो घोष मुख्य भूमिका में हैं. फिल्म एक ऐसी महिला की कहानी है जो पुरुष के शरीर में कैद है. न्यूजीलैंड की फिल्म द बॉय को भी सिल्वर पीकॉक दिया गया.

पिछले एक दशक बाद गोल्डन पीकॉक अवॉर्ड भारत लौटा है. पिछली बार 2000 में जयराम की कारुणम ने यह अवॉर्ड जीता था.

तुर्की की फिल्म द क्रॉसिंग दूसरे नंबर पर रही. गुरुवार को खत्म हुए 10 दिन लंबे इस फिल्म महोत्सव में द क्रॉसिंग के स्टार गुवेन किराच को बेस्ट एक्टर अवॉर्ड मिला. यह एक ऐसे व्यक्ति की कहानी है जिसकी साधारण सी जिंदगी में बड़ी त्रासदी छिपी हुई है.

बेस्ट डायरेक्टर का अवॉर्ड मिला डेनमार्क की सुजाने बियर को अपनी फिल्म इन अ बेटर वर्ल्ड के लिए. यह एक ऐसी दोस्ती को दिखाती है जो खतरनाक गठजोड़ में बदल जाती है. गोवा में सबसे अच्छी एक्ट्रेस चुनी गईं पोलैंड की फिल्म लिटल रोज की अदाकारा माग्डालेना बोच्रास्का. बेस्ट एक्टर और एक्ट्रेस दोनों को 10-10 लाख रुपये दिए गए.

समारोह में दक्षिण भारतीय एक्ट्रेस पद्मप्रिया और प्रियामणि के साथ साथ बांग्ला एक्टर प्रसेनजीत चटर्जी और हिंदी फिल्मों के सितारे अर्जुन रामपाल को भी सम्मानित किया गया.

रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार

संपादनः ए कुमार

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