1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें
समाज

1.2 करोड़ सिगरेट ले कर आया रूस से जर्मनी तक

२ नवम्बर २०१८

कहते हैं कानून के हाथ लंबे होते हैं. जर्मनी के एक वाकये ने इस बात को साबित कर दिया है. पुलिस ने एक व्यक्ति को हिरासत में लिया है जो सालों पहले सिगरेट की तस्करी कर रहा था.

https://p.dw.com/p/37YZG
Marlboro Zigarettenpackung
तस्वीर: Imago

जर्मनी और यूरोप के अन्य देशों में सिगरेट काफी महंगी है. 21 सिगरेट वाले एक पैक के लिए 6.50 यूरो यानी लगभग 540 रुपये देने पड़ते हैं. वहीं भारत में इससे आधे दाम में सिगरेट मिल जाती है. और रूस में तो दाम और भी सस्ते हैं. वहां एक पैक के लिए लगभग सौ रुपये तक ही खर्चने होते हैं. ऐसे में अकसर लोग सस्ती सिगरेट अपने साथ लाने की फिराक में रहते हैं. लेकिन वे भूल जाते हैं कि सिगरेट के दाम का सीधा संबंध टैक्स से है.

बिना अतिरिक्त टैक्स दिए एयरपोर्ट पर बीस पैकेट तक खरीदने की छूट होती है. इससे ज्यादा सिगरेट खरीदने पर अच्छा खासा टैक्स भरना पड़ता है. कई बार लोग छिप छिपा कर ज्यादा सिगरेट लाने की कोशिश करते हैं. इसे तस्करी और टैक्स चोरी में गिना जाता है. 

जर्मन पुलिस के अनुसार रूस का एक व्यक्ति 2009 से 2011 के बीच भारी मात्रा में सिगरेट जर्मनी ले कर आया. अपने बयान में कील शहर की पुलिस ने कहा है, "अधिकारियों ने एक बड़ी मछली को पकड़ा है." पुलिस के अनुसार यह 43 वर्षीय व्यक्ति सिगरेट की काला बाजारी वाले एक रैकेट से जुड़ा था. अब इतने सालों बाद उसे हिरासत में लिया जा सका है.

दरअसल 2015 में पुलिस ने एक स्मगलिंग रैकेट का पता लगाया, जो इटली से ले कर जर्मनी तक फैला था. इसके तहत 50 शेल कंपनियों के बारे में पता चला, जिन्होंने छह करोड़ यूरो के टैक्स की चोरी की. इस सिलसिले में छह लोगों को गिरफ्तार भी किया गया. जर्मनी के अलावा इनमें यूक्रेन, उज्बेकिस्तान और रूस के नागरिक शामिल थे. 

इसी सिलसिले में जारी जांच के दौरान रूसी ट्रक ड्राइवर के बारे में भी पता चला. सिगरेट की तस्करी के चलते इस पर 16 लाख यूरो के टैक्स की चोरी का आरोप लगा है. माना जाता है कि यह ट्रक ड्राइवर उस गैंग का सदस्य है जो 2009 से 2011 के बीच रूस से जर्मनी में 1.2 करोड़ सस्ती सिगरेट लेकर आया.

रिपोर्ट: एलिजाबेथ शूमाखर/आईबी

 

शरीर के साथ ऐसा करती है एक सिगरेट

इस विषय पर और जानकारी को स्किप करें