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समाज

जर्मनी में बेघरों की संख्या 150 फीसदी बढ़ी

१५ नवम्बर २०१७

जर्मनी में बेघर लोगों की संख्या बढ़ कर 8.6 लाख हो गयी है. इनमें से आधे शरणार्थी हैं. 2018 में इस आंकड़े के बढ़ कर 12 लाख होने की आशंका है.

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Obdachlosen in Ungarn
तस्वीर: FERENC ISZA/AFP/Getty Images

बेघर लोगों के लिए काम करने वाली संघीय एजेंसी बीएजी द्वारा जारी आंकड़े चिंताजनक हैं. जर्मनी में बेघर लोगों की संख्या 8.6 लाख है. यह 2014 की तुलना में 150 फीसदी ज्यादा है. 8.6 लाख बेघरों में से 4.4 लाख शरणार्थी हैं. इससे मैर्केल सरकार का पंद्रह लाख शरणार्थियों को जर्मनी में जगह देने का फैसला एक बार फिर विवादों के घेरे में आ गया है. हालांकि बीएजी का कहना है कि 'बेघर' से उनका मतलब यह नहीं है कि ये सब लोग सड़कों पर रह रहे हैं, बल्कि उन्होंने आश्रयों में रहने वालों को भी बेघर की सूची में शामिल किया है क्योंकि कॉम्युनल हाउस या फिर शेल्टर को घर नहीं माना जा सकता. यानि वे बेघर हैं, लेकिन उनके सर के ऊपर छत जरूर है. शरणार्थियों को छोड़ दिया जाए, तो सड़कों पर रहने वाले लोगों की संख्या 52 हजार बतायी गयी है. इनमें से 32 हजार नाबालिग हैं.

बीएजी के प्रबंधक निदेशक थोमास श्पेष्ट ने कहा कि भले ही शरणार्थियों के आने से स्थिति बिगड़ी है, लेकिन वे इसका एकमात्र कारण नहीं हैं. उन्होंने "सरकार की विफल हाउसिंग योजना" को इसके लिए जिम्मेदार बताया. श्पेष्ट के अनुसार 90 के दशक की तुलना में सरकारी घरों की संख्या 60 फीसदी कम हो कर केवल 12 लाख रह गयी है, क्योंकि अब सरकार निजी कंपनियों को इन्हें बेचने लगी है, "इस तरह की नीतियों के कारण सस्ते घरों की कमी हो गयी है." घरों की कमी के चलते किराये भी बढे हैं. सबसे अधिक वृद्धि एक से दो कमरे वाले फ्लैटों के दामों में देखी गयी है.

इस रिपोर्ट के साथ बीएजी ने सरकार और नगरपालिकाओं से अपील की है कि भविष्य में हाउसिंग पॉलिसी को ज्यादा जिम्मेदारी से निर्धारित किया जाये और गरीब लोगों के हितों का ध्यान रखा जाये. बेघर लोगों के लिए सरकारी घरों में कोटे की भी मांग की गयी है और निजी कंपनियों से इन्हें वापस लेने का भी सुझाव दिया गया है.

आईबी/एके (डीपीए, एएफपी)