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अपराध

यूएई से डिपोर्ट किए गए 14 लोग गिरफ्तार

१७ जुलाई २०१९

संयुक्त अरब अमीरात से आतंकवाद की साजिश रचने के आरोप में भारत डिपोर्ट किए गए 14 लोगों को एनआईए ने गिरफ्तार कर लिया है. इनकी निशानदेही पर दो और लोगों को गिरफ्तार किया गया है. ये लोग आईएस और अल कायदा के समर्थक बताए गए हैं.

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Iran | National Investigation Agency NIA
तस्वीर: IANS

नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) ने तमिलनाडु के अलग-अलग इलाकों से 16 लोगों को आतंकवाद निरोधी कार्रवाई के तहत गिरफ्तार किया है. इन 16 में से 14 को संयुक्त अरब अमीरात ने आतंकवादी साजिश रचने की कोशिश के आरोप में वहां से डिपोर्ट कर दिया था. एनआईए ने अनलॉफुल एक्टिविटी प्रिवेंशन एक्ट की विभिन्न धाराओं के तहत 9 जुलाई को मामला दर्ज किया था. इसके बाद ये कार्रवाई की गई है.

संयुक्त अरब अमीरात ने तमिलनाडु के रहने वाले इन 14 लोगों को आंतकवाद फैलाने के लिए पैसा जुटाने यानी टेरर फंडिग के आरोप में पकड़ा था. इनकी उम्र 26 से 38 साल के बीच है. इनमें से अधिकतर लोग मैनेजमेंट के धंधे से जुड़े हुए थे. ये लोग आईएस और अलकायदा के समर्थक थे. यूएई में इनके द्वारा किए गए कई सारे अवैध लेन-देनों के बाद पता चला कि ये लोग भारत में आतंकवाद फैलाने की कोशिश के लिए पैसा इकट्ठा कर रहे थे.

एनआईए द्वारा दर्ज प्राथमिकी के मुताबिक एनआईए को सूचना मिली कि आईएस और अलकायदा समर्थक समूहों ने वहादत ए इस्लामी, जमात वहादत उव इस्लाम अल जिहादिया, जिहादी इस्लामी यूनिट और अंसारुल्लाह जैसे जिहादी समूह बनाए हैं जो भारत में आतंकी घटनाओं को अंजाम देने की फिराक में हैं.

एफआईआर में यूएई से डिपोर्ट किए गए इन लोगों के नाम लिखे हैं. ये नाम हैं मोहम्मद शेख, मोहम्मद अजहरुद्दीन, तौफीक अहमद, मोहम्मद अक्सर, मोइदीन सीनी शाहुल हमीद, मोहम्मद इब्राहिम, मीरन कानी, गुलाम आजाद, रफी अहमद, मुख्तजिर, उमर फारुख, फैसल शरीफ, फारुख और मोहम्मद इब्राहिम.

यूएई में इन लोगों की संदिग्ध गतिविधियों की सूचना मिलने के बाद एनआईए ने तमिलनाडु के नागपट्टनम जिले में छापेमारी की. इस छापेमारी के बाद हसन अली और हरीश मोहम्मद नाम के दो लोगों को गिरफ्तार किया गया. एनआईए ने वहादत ए इस्लामी नाम के एक संगठन के चेन्नई कार्यालय पर भी छापेमारी की. इस संगठन पर पहले भी आतंकवादी समूह से रिश्ते होने के आरोप लगते रहे हैं लेकिन यह संगठन खुद को धार्मिक संगठन बताता रहा है. यूएई में पकड़े गए ये 14 लोग भी कथित तौर पर इस संगठन से जुड़े बताए जा रहे हैं.

14 जुलाई को यूएई से भारत लाए गए इन सभी लोगों को 15 जुलाई को चेन्नई की एनआईए कोर्ट के सामने पेश किया गया. यहां से इन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया. इन्हें पुजहल केंद्रीय कारावास में बंद किया गया. ये लोग तमिलनाडु के अलग-अलग हिस्सों जैसे चेन्नई, नागपट्टनम, रामनाथपुरम  और थिरुवरूर के रहने वाले हैं.

इस मामले में सरकारी वकील सी एस पिल्लई ने बताया कि दो महीने पहले यूएई में पकड़े गए इन आरोपियों ने वहां के अधिकारियों की पूछताछ में बताया कि इनका इरादा भारत में आतंकवादी घटनाओं को अंजाम देने का था. पूछताछ के बाद इन्हें यूएई ने भारत को सौंप दिया. एनआईए की छापेमारी में 9 मोबाइल फोन, 15 सिम कार्ड, सात मेमोरी कार्ड, छह पेन ड्राइव, पांच हार्ड डिस्क, तीन लैपटॉप, तीन सीडी, दो टैबलेट, कुछ कागजात, पत्रिकाएं, नोटिस, पोस्टर और किताबें भी जब्त हुई हैं. हालांकि इन सब में क्या है यह अभी साफ नहीं है.

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आरएस/एए (आईएएनएस)