1905 पन्नों का सुइसाइड नोट
२८ सितम्बर २०१०मिचेल हाइसमन ने 18 सितंबर 2010 को हावर्ड यार्ड में खुद को गोली मारी. उसके परिवार और लगभग 400 दोस्तों को ईमेल से यह सुइसाइड नोट मिला है. इसमें हाइसमन ने लिखा है कि वह एक दार्शनिक खोज के तहत अपनी जान ले रहा है जिसे उसने "नाशवाद एक प्रयोग" का नाम दिया.
इस लंबे चौड़े दस्तावेज में 1,433 पन्ने फुटनोट्स हैं तो 20 पन्नों में ग्रंथ सूची दर्ज है. इसमें ईश्वर के 1,700 संदर्भ और 200 संदर्भ जर्मन दार्शनिक फ्रिडरिश नीत्शे के दिए गए हैं. हाइसमन लिखता है, "हर शब्द, हर विचार और हर भावना एक ही बुनियादी समस्या की तरफ ले जाती हैः जीवन निरर्थक है. नाशवाद का प्रयोग हर भ्रम और मिथक को जानने का तरीका है. भले ही यह हमें मौत की तरफ ले जाए."
हाइसमन आगे लिखता है, "अगर जीवन सच में निरर्थक है और बुनियादी विकल्पों में से किसी एक को चुनने का कोई तार्किक आधार नहीं है तो फिर सभी विकल्प समान हैं. ऐसे में मृत्यु के ऊपर जीवन को प्राथमिकता देने का कोई बुनियादी आधार नहीं है."
हाइसमन ने पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति थॉमस जैफरसन और महान वैज्ञानिक अलबर्ट आइंसटाइन का भी हवाला दिया है. न्यू जर्सी का रहने वाला हाइसमन कॉलेज में दर्शनशास्त्र का छात्र था. उसने अपने परिवार और दोस्तों को बताया कि वह "इंग्लैंड पर नॉर्मन की विजय के इतिहास" पर काम कर रहा है.
हाइसमन के दोस्तों का कहना है कि उसने तीन साल पहले ए.38 कैलिबर की पिस्तौल खरीदी. दोस्त हाइसमन को मिलनसार और शांत बताते हैं. यहूदी हाइसमन ने हावर्ड यार्ड में कुछ सैलानियों के सामने आत्महत्या की.
रिपोर्टः पीटीआई/ए कुमार
संपादनः महेश झा