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40 साल तक बच्चों से बदसलूक़ी का आरोप

६ मार्च २०१०

जर्मनी के म्यूनिख शहर में एक वकील ने बताया है कि एटटाल की मॉनेस्टरी में पढ़ रहे बच्चों का कई सालों तक यौन शोषण हुआ औऱ उनकी पिटाई भी की जाती थी. जर्मनी के नार्थराइन वेस्फ़ेलिया में भी स्कूली बच्चों के शोषण की बात उठी थी.

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तस्वीर: dpa

एटटाल मॉनेस्टरी में बर्फ़ीले मौसम से पत्रकार कांप रहे थे, लेकिन वकील टोमास प्फिस्टर का बयान सुनकर कंपकंपी ने एक दूसरा ही आयाम ले लिया. प्फिस्टर 24 फरवरी से एटटाल के मॉनेस्टरी में बच्चों पर यौन शोषण के आरोपों की जांच कर रहे थे. रविवार को उन्होंने पत्रकारों के सामने अपनी पहला रिपोर्ट पेश की.

Kloster Mor Gabriel
तस्वीर: www.morgabriel.org

रिपोर्ट के मुताबिक़ मॉनेस्टरी के बोर्डिंग स्कूल में 1960 से लेकर 1980 तक वहां पढ़ रहे बच्चों की चाबुक से पिटाई होती थी और उनका यौन शोषण भी होता था. प्फिस्टर ने कहा, 'मेरी जांच के दौरान इस वक़्त मुझे पता चला है कि बच्चे और युवा, जिन्हें मॉनेस्टरी के हवाले किया गया था, कई दशकों तक एटटाल के पादरियों के अत्याचार का शिकार बने, उनके यौन, शारीरिक और मानसिक शोषण का शिकार बने.'

प्फिस्टर के मुताबिक साठ के दशक में चाबुक या डंडे से पिटाई करना आम बात थी. सज़ा के तौर पर बच्चों को मेज़ पर बैठा कर एक दूसरे के कान पकड़ने होते थे. लेकिन सबसे ज़्यादा चौंकाने वाली बात यौन शोषण वाली थी. ज़ाहिर है मॉनेस्टरी में रहने वाले पादरी इसके बारे में चुप रहना पसंद करते थे.

पिछले साल पहली बार स्कूल के एक पादरी ने मरने से पहले अपने कंप्यूटर पर एक संदेश में स्वीकार किया कि वे अपना कमरा दिन रात खुला रखते थे ताकि बच्चे उनके पास आते जाते रह सकें. इस तरह वे और बच्चे, दोनों अपनी शारीरिक ज़रूरतों को पूरा कर पाते थे.

1980 से बायर्न राज्य में बच्चों को मारना क़ानूनी तौर पर वर्जित किया गया लेकिन एटटाल के स्कूल में 1990 तक ऐसे हादसे होते रहे. प्फिस्टर के मुताबिक कम से कम 10 ऐसे पादरी थे जिन्होंने बच्चों के साथ बुरा सलूक किया और 100 से ज़्यादा बच्चे इनका शिकार बने. प्फिस्टर के बयान के दौरान वहां उपस्थित स्कूल के पादरी योहानेस ने भी बच्चों के माता पिताओं से माफ़ी मांगी और खुद क़बूल किया कि उन्होंने भी बच्चों की पिटाई की और उन्हें हतोत्साहित किया.

एटटाल में हो रही जांच के तहत वहां के कई पादरियों ने अपने ग़ुनाह क़बूल किये हैं. एक पादरी ने माना है कि उन्होंने अपने कंप्यूटर पर बच्चों की अश्लील तस्वीरें लगाकर रखी थीं. एक दूसरे ने कहा है कि वे बच्चों को 'मस्ती में' सिर पर मारते थे. मामला अब केवल एटटाल तक सीमित नहीं रह गया है.

माना जाता है कि रोम से भी पोप बेनेडिक्ट जांच के लिए कुछ लोग भेजेंगे. इससे पहले हाल ही में जर्मन राज्य नॉर्थराइन वेस्फेलिया में भी मॉनेस्टरी के स्कूलों में बच्चों के शोषण और उन पर अत्याचार की ख़बरे आईं हैं. इनकी जांच चल रही है.

रिपोर्टः एजेंसियां/ एम गोपालकृष्णन

संपादनः एस गौड़