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समाज

50 लाख अफ्रीकी बच्चों को खा गई लड़ाई

३१ अगस्त २०१८

अफ्रीकी महाद्वीप में बीते 20 वर्षों के दौरान युद्ध और संघर्षों के कारण 50 लाख बच्चों की जानें गई हैं.

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DR Kongo Flüchtlingskinder
तस्वीर: picture-alliance/dpa/S. Morrison

साल 1995 से 2015 के बीच हुए संघर्षों में मरने वाले इन अफ्रीकी बच्चों में करीब 30 लाख की उम्र 1 साल या उससे भी कम थी. यह बात एक नई स्टडी में सामने आई है. स्टडी के मुताबिक अफ्रीका में पिछले 20 वर्षों में हुए युद्धों में करीब 50 लाख अफ्रीकी बच्चे मारे गए हैं. यह शोध 'द लैंसेट मेडिकल' जर्नल में प्रकाशित हुआ है.

अध्ययन के मुताबिक, बच्चों की मौत जिन बीमारियों से हुईं, उन्हें रोका जा सकता था. लेकिन युद्ध की वजह से बच्चों को पीने का साफ पानी और स्वास्थ्य की मूल सुविधाएं नहीं मिल सकीं. स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के शोधकर्ता इरान बेनडेविड का कहना है, ''युद्ध का नतीजा घातक होता है, लेकिन इसके कई परोक्ष परिणाम भी सामने आते हैं. इनमें बीमारियां, कुपोषण, साफ पानी ना मिलना, साफ-सफाई की कमी और मां की देखभाल ना मिल पाना शामिल हैं.''

इस शोध में 34 अफ्रीकी देशों में पिछले 20 वर्षों में हुए 15,500 संकटों और संघर्षों की पड़ताल की गई. इस दौरान लड़ाइयों की वजह से हुई मौतों, बाल जन्म और मृत्यु दर के आंकड़े जुटाए गए. स्टडी बताती है कि लड़ाइयों का बाल मृत्यु दर पर सीधा असर पड़ता है. मारे कुल बच्चों में से 7 फीसदी की मौत की वजह लड़ाइयां रहीं. 

युद्धस्थल या संघर्ष क्षेत्र के करीब 50 किलोमीटर के दायरे में पैदा होने वाले बच्चों पर शुरुआती सालों में ही मारे जाने का खतरा सबसे ज्यादा पाया गया. 100 किलोमीटर के दायरे में पैदा होने वाले बच्चे भी पूरी तरह सुरक्षित नहीं कहे जा सकते. यही नहीं, संघर्ष के 8 साल बाद तक पैदा होने वाले बच्चों पर भी मौत का संकट मंडराता रहता है. 

शोधकर्ताओं ने पाया कि संघर्ष के दौरान अगर हिंसा बढ़ जाए तो नवजातों में मौत का जोखिम करीब 30 फीसदी तक बढ़ जाता था. पांच साल या उससे ज्यादा समय तक चलने वाले संघर्ष के इलाकों में शिशु मृत्यु दर करीब चार गुनी देखी गई. 

बेनडेविड कहते हैं, ''संघर्ष की वजह से बच्चों में मौत का संकट बढ़ जाता है और यह संघर्ष खत्म होने के बाद भी चलता रहा है.'' शोधकर्ताओं ने उम्मीद जताई है कि इस पड़ताल से बच्चों की मौत को रोकने के उपाय किए जाएंगे और संघर्ष वाले क्षेत्रों में दखल देकर बच्चों के स्वास्थ्य पर काम किया जाएगा. 

वीसी/एके (रॉयटर्स, एएफपी)

बच्चों पर सबसे भारी पड़ता है युद्ध