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60 साल बाद अपनों को देखेंगे 435 लोग

३० अक्टूबर २०१०

60 साल के बाद अपने परिवार वालों से मिलने की बेचैनी और उस बेचैनी से उमड़ता भावनाओं का ज्वार. दक्षिण कोरिया की बसें जब उत्तर कोरिया की सीमा में घुसीं तो उसमें 435 लोगों के दिलों में यही ज्वार उठ रहा था.

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तस्वीर: AP

राजनीतिक सरहदों के नाम पर बांट दिए गए ये परिवार शनिवार को उत्तर कोरिया की सीमा में माउंट कुमगांग रिजॉर्ट में एक दूसरे से मिल रहे हैं. हालांकि एक दिन पहले ही दोनों देशों के सैनिकों के बीच सीमा पर गोलीबारी हुई है और इस वजह से तनाव बढ़ा हुआ है लेकिन बिछड़े लोगों के जज्बात के समंदर ने उस तनाव को डुबो दिया है. ये लोग तो मिलन के उन कुछ ही पलों में अपनों का साथ ज्यादा से ज्यादा बटोर लेना चाहते हैं. शायद यही वजह है कि तनाव बढ़ने के बावजूद पुनर्मिलन के इस कार्यक्रम को स्थगित नहीं किया गया. एकीकरण मंत्रालय की प्रवक्ता ली जोंग-जू ने बताया, "गोलीबारी के बावजूद पुनर्मिलन कार्यक्रम तय समय पर ही होगा."

इस कार्यक्रम के तहत छह दशक पहले जुदा हुए दक्षिण कोरिया के 97 परिवार उत्तर कोरिया में रह रहे अपने परिवार वालों से मिल रहे हैं. ये लोग तीन दिन तक साथ रहेंगे. 70 साल के ली मून-यिआंग कहते हैं कि बेचैनी की वजह से वह पूरी रात नहीं सो पाए. यिआंग ने साठ साल से अपने भाइयों को नहीं देखा है. उन्हें तो पता ही नहीं था कि उनका कोई भाई जिंदा भी है या नहीं. उनका एक भाई उत्तर कोरिया की सेना में भर्ती हो गया और उन्होंने सोचा कि जंग में उसकी मौत हो गई. क्योंकि उनके एक अन्य भाई की मौत 1952 में दक्षिण कोरियाई सिपाही के रूप में हुई. वह कहते हैं, "भाई एक दूसरे के खिलाफ लड़ रहे थे. क्या त्रासदी थी वह."

शनिवार से सोमवार तक चलने वाले इस मिलन समारोह के बाद एक और कार्यक्रम होगा. अगले हफ्ते बुधवार से शुक्रवार तक चलने वाले इस कार्यक्रम में दक्षिण कोरिया के 96 लोग उत्तर कोरिया के 207 लोगों से मिलेंगे.

रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार

संपादनः उज्ज्वल भट्टाचार्य

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