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मानवाधिकारअफगानिस्तान

खेल के मैदान में लौटी अफगान महिला फुटबॉल टीम

२५ अप्रैल २०२२

तालिबान के शासन से बच निकलने के बाद पहली बार अफगानिस्तान की राष्ट्रीय महिला फुटबॉल टीम ने ऑस्ट्रेलिया में खेलना शुरू किया है. ऑस्ट्रेलिया ने दर्जनों महिला खिलाड़ियों और उनके परिवार को अफगानिस्तान से निकलने में मदद की थी.

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फाइल तस्वीर
फाइल तस्वीरतस्वीर: Kevin Lamarque/REUTERS

रविवार 24 अप्रैल को इन अफगान महिला खिलाड़ियों ने ऑस्ट्रेलिया पहुंचने के बाद पहली बार एक स्थानीय लीग मैच में हिस्सा लिया. ऑस्ट्रेलिया के पूर्वी प्रांत विक्टोरिया में आयोजित यह मैच बेशक बेनतीजा रहा लेकिन अफगान महिलाओं के लिए मैदान में वापस लौट पाना ही एक शक्तिशाली, सांकेतिक जीत थी.

टीम की कप्तान नीलाब ने कहा कि इस मैच ने दिखा दिया कि तालिबान इन खिलाड़ियों को रोकने में सफल नहीं हो पाया. अफगानिस्तान में रह रहे अपने रिश्तेदारों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए अपनी टीम के दूसरे सदस्यों की तरह की उन्होंने ने भी अपना उपनाम नहीं बताया.

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दर्जनों अफगान पहुंचे थे ऑस्ट्रेलिया

नीलाब ने बताया, "हमने अफगान लोगों के लिए खेलने को लेकर अपनी लड़ाई अभी भी जारी रखी हुई है. हम अपने देश से भाग कर तो आ गए लेकिन हम अभी भी अपने देश के बारे में सोच रहे हैं और अभी भी अपने देश के लिए अपनी जीत के लिए काम कर रहे हैं."

लंदन
लंदन में एक फुटबॉल मैच खेलतीं एक अफगान फुटबॉल खिलाड़ीतस्वीर: Justin Tallis/AFP/Getty Images

ऑस्ट्रेलिया ने अफगानिस्तान की राष्ट्रीय महिला टीम की दर्जनों खिलाड़ियों और उनके रिश्तेदारों को अफगानिस्तान में तालिबान के शासन के स्थापित होने के बाद वहां से भाग निकलने में मदद की.

सत्ता हथियाने के बाद तालिबान ने महिलाओं की आजादी पर गंभीर रूप से अंकुश लगा दिए हैं. लड़कियों के लिए शिक्षा को प्रतिबंधित कर दिया गया है और महिलाओं को बिना किसी पुरुष रिश्तेदार को साथ लिए हवाई जहाज पर चढ़ने से मनाही जैसे नियम लागू कर दिए हैं.

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राष्ट्रीय महिला टीम की खिलाड़ी देश से भाग निकलने के क्रम में अलग अलग देश पहुंच गए और टीम बंट गई. लेकिन उनमें से कई विक्टोरिया की राजधानी मेलबर्न में बस गईं और वहां महिलाओं की पेशेवर ए-लीग टीम मेलबर्न विक्टरी ने उन्हें फिर से खेल पाने में मदद की.

खेलने की ललक

गोलकीपर फातिमा कहती हैं कि जिन लोगों ने तालिबान की वापसी के बाद अफगानिस्तान की तस्वीरें सोशल मीडिया पर देखी हैं वो समझ पाएंगे कि खिलाड़ियों को अपने घरों को छोड़ने के लिए कितनी मेहनत करनी पड़ी होगी.

खालिदा पोपल
अफगान महिला फुटबॉल टीम की पूर्व कप्तान खालिदा पोपलतस्वीर: DW

उन्होंने बताया, "वो समझ सकते हैं कि हम सब के लिए उस स्थिति का सामना करना कितना मुश्किल और चुनौतीपूर्ण था. आज हम फिर से एक साथ हैं और एक टीम की तरह खेल रही हैं...यह काफी शक्तिशाली बात है. यह अविश्वसनीय है."

टीम के कोच जेफ हॉप्किंस ने खिलाड़ियों के प्रदर्शन की सराहना की. उन्होंने कहा, "ये युवा महिलाएं, ये सिर्फ इतना चाहती हैं कि इन्हें बराबरी से व्यवहार किए जाने का मौका मिले और वो उस खेल को खेल सकें जिसे वो प्यार करती हैं. जाहिर है कि ये अफगानिस्तान में नहीं हो पा रहा था. वहां तो उन पर इसके लिए जुल्म किया जा रहा था."

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मैच के कुछ ही दिन पहले मेलबर्न विक्टरी ने अफगान टीम को उनकी नई किट दी. किट मुख्य रूप से लाल रंग की है और उनमें अफगानिस्तान के राष्ट्रीय झंडे को दर्शाती शर्ट भी हैं. इन शर्टों पर नंबर तो हैं लेकिन कोई नाम नहीं हैं, ताकि अफगानिस्तान में इन खिलाड़ियों के परिवार के सदस्यों को लिए कोई खतरा न उत्पन्न हो जाए.

सीके/एए (एएफपी)

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