32 साल बाद भी बिग बी को एक मलाल खाए जाता है
१६ सितम्बर २०१६73 वर्षीय अमिताभ बच्चन ने 1984 में कुछ समय के लिए एक्टिंग छोड़ कर राजनीति में आने का फैसला किया था. अपने दोस्त राजीव गांधी के कहने पर उन्होंने चुनाव भी लड़ा और इलाहाबाद से रिकॉर्ड मतों से जीत दर्ज की. लेकिन इसके तीन साल बाद ही उन्होंने इस्तीफा दे दिया था.
एक कार्यक्रम के सिलसिले में दिल्ली पहुंचे अमिताभ बच्चन ने उन दिनों को याद करते हुए कहा, "मैं अकसर इस बारे में सोचता हूं क्योंकि जब कोई चुनाव प्रचार करता है तो बहुत सारे वादे करता है, आपको लोगों के वोट चाहिए होते हैं. मैं उन वादों को पूरा नहीं कर पाया, इस बात का दुख होता है. अगर मुझे किसी बात का अफसोस है तो यही वो बात है."
इस लिस्ट में अमिताभ भी हैं, लेकिन कितने नंबर पर?
उन्होंने बताया, "मैंने इलाहाबाद के लोगों से बहुत वादे किए थे, लेकिन मैं उन्हें पूरा करने में सक्षम नहीं था. सामाजिक तौर पर मुझसे जितना होता है, उतना करने की कोशिश करता हूं. लेकिन मैं जानता हूं कि इलाहाबाद के लोग मुझे माफ नहीं करेंगे."
अमिताभ ने कहा कि राजनीति में जाना एक भावुक फैसला था लेकिन जब वह इसमें दाखिल हुए तो पता चला कि वहां भावनाओं के लिए कोई जगह नहीं है. जब उनसे पूछा गया कि क्या राजनीति छोड़ने के फैसले की कीमत उन्हें गांधी परिवार से अपनी दोस्ती खत्म होने के रूप में चुकानी पड़ी तो उन्होंने कहा, "मैं नहीं समझता कि मुझे कोई कीमत चुकानी पड़ी है. दोस्ती तो बिल्कुल खत्म नहीं हुई है."
जब उनसे पूछा गया कि आप इस दोस्ती की बात नहीं करते हैं, तो उनका जवाब था, "दोस्ती के बारे में आप कैसे बात करते हैं? हम दोस्त हैं."
देखिए, कान में साल दर साल ऐश्वर्या
अमिताभ बच्चन की फिल्म "पिंक" एक कोर्टरूम ड्रामा थ्रिलर है. इसमें वो तीन ऐसी महिलाओं के वकील बने हैं जिन्होंने कुछ लोगों पर छेड़छाड़ का मुकदमा किया है. अनिरुद्ध रॉय चौधरी के निर्देशन में बनने वाली इस फिल्म के निर्माता रश्मि शर्मा और शुजीत सरकार हैं.
एके/वीके(पीटीआई)